बिहार विधानसभा चुनाव 2025: समय के साथ उभरती राजनीति और रुझानों का औरंगाबाद की चुनावी रणनीति को काफी प्रभावित किया है

समय के साथ उभरती राजनीति और रुझानों का औरंगाबाद की चुनावी रणनीति को काफी प्रभावित किया है
औरंगाबाद सीट अपने आप में एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए है। 1951 में स्थापित हुई औरंगाबाद विधानसभा सीट शुरु से ही प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच मुकाबले का केंद्र रही है। शुरुआती चुनावों में कांग्रेस ने आठ बार जीत दर्ज की। बीजेपी ने चार बार जीत हासिल कर अपनी पकड़ मजबूत की, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, स्वतंत्र पार्टी और आरजेडी जैसे क्षेत्रीय दलों को कभी कभी जीत मिली है।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधासभा सीट वाले बिहार में औरंगाबाद विधानसभा सीट औरंगाबाद जिले में ही है। औरंगाबाद सीट अपने आप में एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए है। 1951 में स्थापित हुई औरंगाबाद विधानसभा सीट शुरु से ही प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच मुकाबले का केंद्र रही है। शुरुआती चुनावों में कांग्रेस ने आठ बार जीत दर्ज की। बीजेपी ने चार बार जीत हासिल कर अपनी पकड़ मजबूत की, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, स्वतंत्र पार्टी और आरजेडी जैसे क्षेत्रीय दलों को कभी कभी जीत मिली है। अधिकतर चुनावों में राजपूत उम्मीदवार जीतता था, लेकिन 2000 में आरजेडी की जीत ने प्रवृत्ति को तोड़ दिया। पिछले चुनाव यानी 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई। औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में 21.64 प्रतिशत अनुसूचित जातियां ,19 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं।

सीट पर राजपूत वोटर्स का दबदबा है, विधानसभा में 22 प्रतिशत से अधिक राजपूत वोट हैं, राजपूत मतदाता ही चुनाव में निर्णायक भूमिका में होते है। राजपूत मतदाता किसी भी दल के राजपूत उम्मीदवार का ही समर्थन करते है। समय के साथ उभरती राजनीति और रुझानों ने यहाँ की चुनावी रणनीति पर असर डाला है।

पिछले कुछ सालों से यहां नक्सली गतिविधियों के साथ रंगदारी और हिंसाओं की कई घटनाएं देखी गई है। पिछले कुछ दशकों में औरंगाबाद नक्सली गतिविधियों के कारण अशांत रहा है, रंगदारी और हिंसा ने इस क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।

औरंगाबाद में अदरी और सोन नदी से बार-बार सूखा पड़ने के बाद भी कृषि यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। औरंगाबाद विधानसभा सीट पर 75 फीसदी ग्रामीण मतदाता है। कई फसलों की खेती यहां होती है। औद्योगिक विकास भी धीमी रफ्तार से गति पकड़ रहा है। इसी इलाके में भारत के सबसे बड़े संयंत्रों में से एक नवीनगर सुपर थर्मल पावर प्लांट है, यहां स्ट्रॉबेरी की खेती अप्रत्याशित रूप से सफल हुई है, जिससे आय और रोजगार के नए अवसर बढ़ रहे है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   23 Oct 2025 10:16 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story