प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक नहीं रहे: पद्मभूषण से सम्मानित सौ वर्षीय प्रोफेसर एकनाथ वसंत चिटनिस का निधन, इसरो की स्थापना में निभाई थी अहम भूमिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर एकनाथ वसंत चिटनिस अब नहीं रहे, बीते दिन बुधवार को सौ वर्षीय चिटनिस दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
चिटनिस ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। वैज्ञानिक चिटनिस ने इसरो के लिए तिरुवनंतपुरम के थुंबा और आंध्र प्रदेश के तट पर श्रीहरिकोटा में लॉन्चपैड स्थानों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए खूब काम किया था। विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में चिटनिस के योगदानों को 1985 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
चिटनिस 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति के सदस्य सचिव बने। बाद में यही संगठन इसरो बना। वैज्ञानिक चिटनिस ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह शृंखला के उपग्रहों के डिजाइन में अहम भूमिका निभाई।
चिटनिस, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के अध्यक्ष भी रहे। दो दशकों तक वे निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक रहे। 1975-76 में सैटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविजन एक्सपेरिमेंट ( SITE ) परीक्षण में उनका सबसे उल्लेखनीय योगदान रहा। यह नासा के एटीएस-6 उपग्रह का उपयोग करके छह राज्यों के 2,400 गांवों तक पहुंची।
प्रोफेसर चिटनिस ने वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई की सलाह पर अंतरिक्ष अनुसंधान और एक्स-रे अनुसंधान के लिए अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) को छोड़ दिया था। चिटनिस अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक के पद से रिटायर हुए थे।
Created On :   23 Oct 2025 8:56 AM IST