बिहार विधानसभा चुनाव 2025: वामपंथियों का मजबूत गढ़ बखरी, परिसीमन के बाद कमजोर हुई सीपीआई ने महागठंबन में शामिल होकर पिछले चुनाव में हासिल की थी जीत

वामपंथियों का मजबूत गढ़ बखरी, परिसीमन के बाद कमजोर हुई सीपीआई ने  महागठंबन में शामिल होकर पिछले चुनाव में हासिल की थी जीत
बखरी में अब तक 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, बखरी सीट वामपंथियों का एक मजबूत गढ़ है, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने यहां से 11 बार जीत दर्ज की है, जीत के इतिहास में 1967 से 1995 तक लगातार आठ बार सीपीआई की जीत शामिल है। 1952, 1957 और 1962 में 3 बार कांग्रेस , 2000 में आरजेडी ने CPI की लगातार जीत पर विराम लगाया। लेकिन उसके बाद CPI ने 2005 में हुए दोनों चुनावों में फिर से वापसी की।

डिजिटल डेस्क,पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में बखरी विधानसभा क्षेत्र बेगूसराय जिले में आता है,1951 में गठित हुई बखरी विधानसभा क्षेत्र को 2008 में परिसीमन आयोग के बाद इस सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया। बखरी में 19.26% अनुसूचित जाति ,10.7% मुस्लिम मतदाता हैं। बखरी में ग्रामीण वोटर्स की संख्या अधिक है, ग्रामीण वोटर्स ही चुनाव में अहम भूमिका निभाते है। यहां 90% ग्रामीण और 10 फीसदी शहरी मतदाता हैं।

बखरी में अब तक 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, बखरी सीट वामपंथियों का एक मजबूत गढ़ है, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने यहां से 11 बार जीत दर्ज की है, जीत के इतिहास में 1967 से 1995 तक लगातार आठ बार सीपीआई की जीत शामिल है। 1952, 1957 और 1962 में 3 बार कांग्रेस , 2000 में आरजेडी ने CPI की लगातार जीत पर विराम लगाया। लेकिन उसके बाद CPI ने 2005 में हुए दोनों चुनावों में फिर से वापसी की।

2008 के परिसीमन के बाद,बखरी में CPI की पकड़ कमजोर पड़ी और 2010 में बीजेपी को पहली जीत मिली। 2015 में आरजेडी ने दूसरी बार जबकि 2020 के विधानसभा चुनावों में सीपीआई ने महागठबंधन में शामिल होकर आरजेडी और कांग्रेस के समर्थन से बीजेपी को हराया।

बखरी में कृषि की सिंचाई और खेती के लिए गंडक नदी अहम है। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। कृषि, दुग्ध उत्पादन और लघु उद्योग स्थानीय अर्थव्यवस्था में अहम योगदान करते हैं। कुछ पुरातात्विक साक्ष्य बखरी क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की ओर संकेत करते हैं। साक्ष्यों में मौर्य और गुप्त काल की धरोहरें शामिल हैं, जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं। इस चुनाव में इंडिया और एनडीए विपक्ष के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   23 Oct 2025 7:30 PM IST

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