लोकसभा चुनाव 2024: पिछले तीन चुनावों में एनडीए का रहा दबदबा, आखिरी बार 2004 में आरजेडी ने मारी थी बाजी, जानिए मुंगेर सीट का इतिहास

पिछले तीन चुनावों में एनडीए का रहा दबदबा, आखिरी बार 2004 में आरजेडी ने मारी थी बाजी, जानिए मुंगेर सीट का इतिहास
  • मौजूदा समय में मुंगेर सीट से ललन सिंह हैं सासद
  • इस बार फिर जेडीयू ने बनाया है ललन को उम्मीदवार
  • पहले चुनाव में चुने गए थे 4 सांसद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में मुंगेर का नाम उस हॉट सीट में शामिल रहा है, जहां किसी समय चार सांसद निर्वाचित हुए थे। वर्तमान में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और कद्दावर नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह यहां से सांसद हैं। साल 2008 में नए परिसीमन के बाद से यहां भूमिहार नेताओं का दबदबा बढ़ा है। आज हम आपकों मुंगेर लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास के बारे में बताएंगे।

मुंगेर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

आजादी के बाद साल 1952 में मुंगेर सीट पर पहला आम चुनाव हुआ। पहले चुनाव के दौरान मुंगेर में चार लोकसभा सीटें हुआ करती थीं। इस चुनाव में कांग्रेस के चार सासंद उम्मीदवार मथुरा प्रसाद मिश्र, सुरेश चंद्र मिश्र, बनारसी पीडी सिन्हा और नयन तारा ने जीत हासिल कर संसद का सफर तय किया। 1957 में मुंगेर सीट से दो सांसद चुने गए। 1962 में कांग्रेस के बनारसी प्रसाद सिंह सांसद निर्वाचित हुए। लेकिन साल 1967 के आम चुनाव में सभी सीटों को मिलाकर मुंगेर की एक लोकसभा सीट बनाई गई। इस बार सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर मधु लिमये सांसद निर्वाचित हुए। साल 1971 में कांग्रेस के देवनंदन प्रसाद यादव ने चुनाव जीता और सांसद बने।

आपातकाल के बाद गिरी कांग्रेस सरकार

आपातकाल हटने के बाद साल 1977 में लोकसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में जनता पार्टी ने कांग्रेस के हाथों मुंगेर सीट छीन ली और श्रीकृष्ण सिंह सांसद बने। हालांकि, 1980 में कांग्रेस ने वापसी कर ली और देवनंदन यादव निर्वाचित हुए। 1984 में भी कांग्रेस अपनी जीत दोहराई और देवनंदन यादव दोबारा सांसद चुने गए।

जनता दल का खाता खुला

साल 1989 में मुंगेर लोकसभा सीट पर पहली बार जनता दल का खाता खुला। इस बार जनता दल के प्रत्याशी धनराज सिंह यहां से सांसद निर्वाचित हुए। इसके बाद जनता दल ने लगातार दो चुनाव साल 1991 और 1996 में जीत हासिल की। इस दौरान ब्रह्मानंद मंडल दो बार के सांसद रहे।

आरजेडी-जेडीयू का घमासान

साल 1998 में मुंगेर सीट पर बड़ा सियासी उलटफेर हुआ। इस चुनाव में लालू यादव की आरजेडी ने पहली बार चुनाव जीता। इसके एक साल बाद 1999 हुए आम चुनाव में नीतीश कुमार के करीबीन नेता ने बाजी मारी। आरजेडी और जेडीयू के बीच मुंगेर सीट में यह सियासी उठापटक अगले दो आम चुनाव तक चलती रही। जिसमें 2004 के चुनाव में आरजेडी ने मुंगेर सीट पर वापसी कर ली। इसके बाद 2009 में आरजेडी को पछाड़ के एक बार फिर जेडीयू ने चुनाव जीता।

2014 में एलजेपी की जीत

साल 2014 के आम चुनाव में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने मुंगेर सीट पर अपनी पहली जीत हासिल की। इस बार बाहुबली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी सांसद निर्वाचित हुईं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने वापसी की और ललन सिंह सांसद बने।

क्या रहा पिछले चुनाव का नतीजा?

साल 2019 में जेडीयू ने राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को मुंगेर सीट से चुनावी मैदान में उतारा। उनके सामने कांग्रेस पार्टी ने बाहुबली नेता अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को चुनावी मैदान में उतारा। चुनावी नतीजों में जेडीयू प्रत्याशी ललन सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी नीलम देवी को 1 लाख 67 हजार 937 वोट से शिकस्त दी। इस दौरान ललन सिंह को कुल 5 लाख 28 हजार 762 वोट मिले। वहीं, नीलम देवी को मात्र 3 लाख 60 हजार 825 वोट ही मिल सके।

इस चुनाव में युवा वोटर्स की संख्या बढ़ी

इस बार के आम चुनाव में मुंगेर जिले में नए युवा वोटर्स की संख्या बढ़ने का अनुमान है। ये सभी युवा वोटर्स पहली बार किसी चुनाव में अपने वोट का प्रयोग करेंगे। मुंगेर संसदीय क्षेत्र के सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी अवनीश कुमार के मुताबिक इस बार 35 हजार नए युवा वोटर्स का नाम मतदाता सूची में जोड़ा गया है।

इस बार ये नेता चुनावी मैदान में

आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद मुंगेर लोकसभा सीट का चुनाव चौथे चरण (13 मई) में होगा। मुंगेर संसदीय सीट से जेडीयू ने एक बार फिर ललन सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, आरजेडी ने अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

Created On :   9 April 2024 3:55 PM GMT

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