सुजय भद्र के एसएसकेएम बेड पर 'अनावश्यक' कब्जे को लेकर भाजपा ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

सुजय भद्र के एसएसकेएम बेड पर अनावश्यक कब्जे को लेकर भाजपा ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
कोलकाता, 2 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल भाजपा ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया और सुजय कृष्ण भद्र पर दक्षिण कोलकाता में एक सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अनावश्यक रूप से बेड पर कब्जा करने का आरोप लगाया। भद्र, स्कूल में नौकरी के लिए करोड़ों रुपये के नकद मामले में मुख्य आरोपी हैं।

कोलकाता, 2 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल भाजपा ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया और सुजय कृष्ण भद्र पर दक्षिण कोलकाता में एक सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अनावश्यक रूप से बेड पर कब्जा करने का आरोप लगाया। भद्र, स्कूल में नौकरी के लिए करोड़ों रुपये के नकद मामले में मुख्य आरोपी हैं।

मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है। संबंधित सभी पक्षों को नोटिस देने का आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई 4 जनवरी को होने की उम्मीद है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) स्कूल में रुपये के बदले नौकरी मामले की लगातार जांच कर रही है। ईडी ने पहले ही एसएसकेएम पर सुजय कृष्ण भद्र की मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर करने का आरोप लगाया है, जिसके आधार पर आरोपी को पर्याप्त चिकित्सा आधार के बिना अनावश्यक अस्पताल में भर्ती रखा गया।

केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने अदालत से यह भी शिकायत की है कि एसएसकेएम के इस दृष्टिकोण के कारण सुजय कृष्ण भद्र के वॉयस सैंपलिंग टेस्ट की पूरी प्रक्रिया में बार-बार देरी हो रही है।

कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ ने एसएसकेएम अधिकारियों को सुजय कृष्ण भद्र की मेडिकल रिपोर्ट 5 जनवरी तक अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है।

कुछ इसी आधार पर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पिछले महीने कलकत्ता कोर्ट में दायर की गई थी। जिसमें एसएसकेएम अधिकारियों पर वित्तीय भ्रष्टाचार से संबंधित कई मामलों में शामिल होने के आरोपी व्यक्तियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का आरोप लगाया गया था।

उस जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पर्याप्त चिकित्सा आधार के बिना एसएसकेएम में आरोपी व्यक्तियों के बेड पर रहने की घटनाओं के कारण आम लोग अक्सर प्रवेश और वहां उचित इलाज से वंचित रह जाते हैं।

याचिकाकर्ता ने यह भी अपील की कि एसएसकेएम में भर्ती सभी आरोपी व्यक्तियों की मेडिकल रिपोर्ट अदालत में जमा की जाए और उसकी जांच किसी केंद्र संचालित अस्पताल की मेडिकल टीम द्वारा की जाए।

--आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   2 Jan 2024 7:01 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story