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J&K DDC Election: जम्मू-कश्मीर में बैलेट से हारा बुलेट, तीसरे चरण में 50.53 फीसदी मतदान, कश्मीर में 31% रही पोलिंग

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (DDC) चुनाव के तीसरे चरण का मतदान खत्म हो गया है। तीसरे चरण में छिटपुट घटनाओं के बीच कुल 50.53 फीसदी लोगों ने वोट डाले। इनमें जम्मू के 68.88% और कश्मीर घाटी के 31.61% मतदाताओं ने हिस्सा लिया।
बता दें कि शुक्रवार को 33 सीटों पर मतदान हुए। इनमें से कश्मीर घाटी की 16 और जम्मू क्षेत्र की 17 सीटें शामिल हैं। गौरतलब है कि 28 नवंबर से शुरू हुई यह चुनाव प्रक्रिया 19 दिसंबर तक चलेगी। कुल आठ चरणों में वोट डाले जाएंगे, जबकि 22 दिसंबर को मतगणना होगी।
अनंतनाग में आतंकियों ने कैंडिडेट को मारी गोली
डीडीसी चुनाव के दौरान दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के कोकरनाग इलाके में आतंकियों ने एक डीडीसी कैंडिडेट को गोली मार दी। एक अधिकारी ने बताया कि अनीस अहमद नाम का कैंडिडेट जेके अपनी पार्टी से जुड़ा हुआ है। सागम कोकनाग ब्लॉक से वह चुनाव मैदान में है। सागम में आतंकियों ने उस पर फायरिंग कर दी। घायल अनीस को नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है। उसका नाम गौरव शर्मा उर्फ गोल्डी है और उस पर कैश बांटने का आरोप है। उसके पास से पुलिस ने 58 हजार 695 रुपये भी बरामद किया है। हमले के बाद फरार आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है।
दूसरे चरण में हुआ था 49 फीसदी मतदान
इससे पहले 1 दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान हुआ था। इस दौरान करीब 49 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। राज्य निर्वाचन आयुक्त केके शर्मा ने कहा था कि दूसरे चरण के चुनाव में जम्मू संभाग में 65.52 प्रतिशत मतदान हुआ तो वहीं कश्मीर संभाग में कुल 33.34 प्रतिशत वोटिंग हुई। कश्मीर के बांदीपुरा जिले से सबसे अधिक 69.66 प्रतिशत मतदान हुआ।
पहले चरण में 51.76 प्रतिशत मतदान हुआ
वहीं पहले चरण की बात की जाए तो 28 नवंबर को कुल 51.76 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस दौरान जम्मू में 64.2 प्रतिशत तो कश्मीर खंड में 40.65 मतदान हुआ। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला चुनाव है। प्रदेश की 280 सीटों पर चुनाव हो रहा है। मैदान में बीजेपी के अलावा गुपकार गठबंधन है, जिसमें पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई दल शामिल है।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।