प्रधान ने नवीन पटनायक के हस्तक्षेप की मांग की
डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेद्र प्रधान ने आंध्र प्रदेश के साथ सीमा मुद्दों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। प्रधान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि दक्षिण ओडिशा के गांवों में सीमा विवाद के मुद्दे सामने आए हैं। इसमें कोरापुट जिले के पोट्टांगी ब्लॉक के गांवों के कोटिया ग्राम समूह और गजपति जिले के रायगडा ब्लॉक के गंगाबादा जीपी में मणिकापटना शामिल है।
उन्होंने आगे कहा, जैसा कि आप जानते होंगे कि पिछले कुछ दिनों में इन गांवों में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा प्रशासनिक पहुंच की सूचना मिली है। आंध्र प्रदेश सरकार का यह नाजायज और दुर्भाग्यपूर्ण आउटरीच अब केवल कोटिया तक ही सीमित नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे दक्षिण ओडिशा के अन्य गांवों में भी फैल रहा है।
कथित तौर पर, 21 ऐसे गांवों को एपी के नवनिर्मित पार्वतीपुरम मान्यम जिले में शामिल किया गया है, जिसका नाम बदल गया है, जिसका मुख्यालय कोटिया के विभिन्न गांवों से सिर्फ 40 किमी दूर है। भाजपा नेता ने कहा कि आंध्र प्रदेश इन गांवों में विभिन्न योजनाओं और विकास गतिविधियों को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है और इन निवासियों को आंध्र प्रदेश का हिस्सा बनने का लालच दे रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि ओडिशा सरकार को जमीनी स्तर पर सक्रिय होने की जरूरत है, जिससे सरकार और प्रशासन को इन सीमावर्ती गांवों के निवासियों के करीब लाया जा सके।
संगठन के मंत्री ने कहा, जिला मुख्यालय से बहुत दूर होने के कारण, लोगों को आंध्र प्रदेश प्रशासन अधिक सुलभ लग सकता है। पड़ोसी राज्य इन नागरिकों को ओडिशा से अलग करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और इस तरह उनकी सदियों पुरानी सामाजिक-सांस्कृतिक गर्भनाल को अपनी मातृभूमि से अलग कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पड़ोसी राज्य रणनीतिक रूप से इन सीमावर्ती ग्रामीणों को राशन कार्ड, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अन्य सुविधाएं देकर प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।
प्रधान ने आगे कहा, ओडिशा को स्थानीय आबादी और संगठन को विश्वास में लेना चाहिए और यह सुनिश्चित कर कई विकासात्मक मुद्दों का समाधान करना चाहिए कि सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोग आंध्र प्रदेश सरकार की सुविधाओं का लालच न करें और ओडिशा सरकार की विकास गतिविधियों केकार्यान्वयन में तेजी लाएं।
उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशासनिक आमने-सामने और विवाद न केवल इन क्षेत्रों के लोगों के लिए एक अप्रिय माहौल पैदा करेंगे बल्कि इन गांवों के विकास में भी बाधा डालेंगे। इसके अलावा, यह चल रही विकास प्रक्रिया को भी पटरी से उतार देगा जो दोनों राज्यों के सामाजिक-राजनीतिक उद्देश्यों के खिलाफ है और इस क्षेत्र में सरकार विरोधी भावनाओं के लिए बीज बोएगा।
(आईएएनएस)
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Created On :   4 Nov 2022 4:30 PM IST