बापू के अलावा नेहरू, इंदिरा को भी करना पड़ता है राहुल गांधी का इंतजार

Apart from Bapu, Nehru, Indira also have to wait for Rahul Gandhi
बापू के अलावा नेहरू, इंदिरा को भी करना पड़ता है राहुल गांधी का इंतजार
बापू के अलावा नेहरू, इंदिरा को भी करना पड़ता है राहुल गांधी का इंतजार
हाईलाइट
  • बापू के अलावा नेहरू
  • इंदिरा को भी करना पड़ता है राहुल गांधी का इंतजार

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। महात्मा गांधी की जयंती से ठीक एक दिन पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पूर्व सहयोगी पंकज शंकर अपनी एक छोटी सी फिल्म का दूसरा टीजर लेकर आए हैं, जिसमें राहुल गांधी के कामकाज के तरीके की आलोचना की गई है।

टीजर में न केवल महात्मा गांधी से मिलने का इंतजार दिखाया गया है, बल्कि ये भी दिखाया गया है कि यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी राहुल गांधी से मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

आईएएनएस के पास 2 मिनट 39 सेकंड का ये वीडियो है।

वीडियो में दिखाया गया है कि एक महिला पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी से मिलने आई लेकिन ये देख कर हैरान रह गई कि बापू भी राहुल गांधी का इंतजार कर रहे हैं। फिर उसने बापू से पूछा कि वो क्यों इंतजार कर रहे हैं। बापू ने जवाब दिया कि वो यहां रोज आते हैं और राहुल गांधी का इंतजार करते हैं।

महात्मा गांधी वीडियो में फिर महिला कार्यकर्ता से कहते हैं कि आज जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सभी राहुल गांधी का दो घंटे से इंतजार कर रहे हैं।

महिला तब पूछती हैं कि वो (महात्मा गांधी) क्यों प्रतीक्षा कर रहे हैं। बापू जवाब देते हैं, जो लोग वफादार होते हैं, वे उन पर आरोप नहीं लगाते हैं और ना ही उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं वरना पार्टी खत्म हो जाएगी।

महिला तब पूछती है कि क्या यह 23 नेताओं द्वारा पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखने से संबंधित था?, जिस पर वो दृढ़ता से अपना सिर हिलाते हैं।

बापू महिला कार्यकर्ता को यह भी बताते हैं कि यह पार्टी उनकी भी है और लाखों कार्यकर्ताओं की है, जो पार्टी के लिए काम करते हैं।

जब दोनों बात कर रहे होते हैं, उसी समय राहुल गांधी के सहयोगी कमरे में प्रवेश करते हैं और महिला से पूछते हैं कि वह वहां क्यों इंतजार कर रही है? महिला बताती है कि उनका राहुल गांधी से एप्वाइंटमेंट है। फिर राहुल गांधी के सहयोगी कहते हैं कि उसे 7 दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि राहुल गांधी अभी ट्रैवेल कर रहे हैं।

उसी समय राहुल गांधी के सहयोगी को फोन पर एक कॉल आती है और वह कॉलर से पूछता है कि कौन राहुल गांधी के निजी मेल को हैंडल कर रहा है। इसके साथ ही ये टीजर समाप्त हो जाता है।

साल 2004 में अमेठी से राहुल गांधी की लॉन्चिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंकज शंकर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, फिल्म का उद्देश्य राहुल गांधी की टीम के अहंकार को उजागर करना है, क्योंकि वह उसी मुद्दे पर अपने विरोधियों पर निशाना साधते रहते हैं।

उन्होंने कहा, लघु फिल्म के नए टीजर के साथ, हम यह भी उजागर करना चाहते हैं कि पार्टी को अपने शानदार दिनों को वापस लाने के लिए नेतृत्व की जरूरत है, क्योंकि पिछले 10 वर्षो से इसका आधार खो गया है।

एसकेपी/एसजीके

Created On :   1 Oct 2020 11:00 AM GMT

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