विधानसभा सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना, धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने को तैयार भाजपा

Assembly session likely to be uproar, BJP ready to bring anti-conversion bill
विधानसभा सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना, धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने को तैयार भाजपा
कर्नाटक विधानसभा सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना, धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने को तैयार भाजपा
हाईलाइट
  • भ्रष्टाचार और बारिश

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है। विपक्ष भ्रष्टाचार और बारिश के प्रकोप समेत विभिन्न मुद्दों पर सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने के लिए तैयार है।

10 दिवसीय सत्र के दौरान, भाजपा दिसंबर 2021 में विधानसभा में पारित होने वाले विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी विधेयक को विधान परिषद में पेश करने वाली है। यह विधेयक पहले से ही एक अध्यादेश के रूप में लागू है। राज्यपाल ने सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा इसे पेश किए जाने के बाद अपनी सहमति दे दी है।

सत्तारूढ़ दल के नेता जहां सरकार का बचाव करेंगे, वहीं विपक्षी कांग्रेस, जो आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी संभावनाओं को लेकर उत्साहित है, भाजपा पर हमला बोलने की पूरी तैयारियां कर चुकी हैं।

विधानसभा चुनाव के लिए आठ महीने से भी कम समय बचा है, ऐसे में लोग कार्यवाही और राजनीतिक घटनाक्रम पर भी बारीकी से नजर रख रहे हैं। क्षेत्रीय दल जेडीएस समेत सभी प्रमुख दल मतदाताओं के बीच सद्भावना पैदा करने पर ध्यान दे रहे हैं। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेताओं को सलाह दी गई है कि वे आक्रामक तरीके से पार्टी के स्टैंड का बचाव करें।

विपक्षी कांग्रेस राज्य में हिंदू पीड़ितों के हत्यारों को दिए जाने वाले तरजीह पर भी सरकार से सवाल करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवमोग्गा में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा के परिवारों को सांत्वना देने और हिंदू पीड़ितों को भारी मुआवजा देने वाली सत्तारूढ़ भाजपा ने दक्षिण कन्नड़ में मारे गए मुस्लिम युवाओं के प्रति संवेदना व्यक्त करने की भी जहमत नहीं उठाई।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विपक्षी दलों की नाराजगी को देखते हुए प्रवीण के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। राज्य में हाल ही में संपन्न भाजपा मेगा इवेंट में उनकी तस्वीर रखी गई और श्रद्धांजलि दी गई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सम्मेलन में यहां तक कह दिया कि प्रवीण ने देश के लिए अपना खून बहाया हैं।

कांग्रेस और जेडीएस राज्य में, खासकर बेंगलुरू में बाढ़ की स्थिति का प्रबंधन करने में विफल रहने पर भाजपा पर हमला कर सकते हैं। आईटी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर बुनियादी ढांचे की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो वे अलग डेस्टिनेशन्स की तलाश करेंगे।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   12 Sep 2022 7:31 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story