स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भूमिका तैयार करने के लिए इतिहास का पुनर्लेखन कर रही है भाजपा

BJP is rewriting history to prepare its role in the freedom movement
स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भूमिका तैयार करने के लिए इतिहास का पुनर्लेखन कर रही है भाजपा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भूमिका तैयार करने के लिए इतिहास का पुनर्लेखन कर रही है भाजपा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को भाजपा पर इतिहास के पुनर्लेखन करने का आरोप लगाया ताकि वह स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भूमिका को दर्ज करा सके। उन्होंने पार्टी के 137वें स्थापना दिवस समारोह में यह बयान दिया। उन्होंने कहा, घृणा और पूर्वाग्रह में बंधी विभाजनकारी विचारधाराएं और जिनकी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी।

 अब हमारे समाज के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर कहर ढा रही हैं। वे खुद को एक ऐसी भूमिका देने के लिए इतिहास को फिर से लिख रहे हैं जिसके वे हकदार नहीं हैं। वे डर पैदा करो और दुश्मनी फैलाओ के जुनून को भड़काते हैं। हमारे संसदीय लोकतंत्र की बेहतरीन परंपराओं को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन विनाशकारी ताकतों से पूरी ताकत से लड़ेगी।

सोनिया गांधी ने कहा, चुनावी उतार-चढ़ाव अपरिहार्य हैं, लेकिन जो स्थायी है, वह विविध समाज के सभी लोगों की सेवा के लिए उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा, हमारे दृढ़ संकल्प पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। हमने कभी भी अपनी मौलिक मान्यताओं से समझौता नहीं किया है और हम कभी भी समझौता नहीं करेंगे जो हमारी गौरवशाली विरासत का हिस्सा हैं।

आज से 136 साल पहले, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की गई थी। दशकों से, इसने कई चुनौतियों का सामना किया है और इसने हमेशा अपनी लचीलापन का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी खुद को संगठन के आदशरें, मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति समर्पित करती है, जो 20वीं सदी के कुछ महानतम, कुलीन और सबसे निस्वार्थ भारतीयों द्वारा आकार, निर्देशित और प्रेरित किए गए हैं।

इससे पहले, दिग्गज नेता ने कई नेताओं और सांसदों की उपस्थिति में पार्टी मुख्यालय पर पार्टी का झंडा फहराया। पार्टी की वेबसाइट के अनुसार, 28 दिसंबर, 1885 को, गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज, बॉम्बे में 72 समाज सुधारक, पत्रकार और वकील भारतीय राष्ट्रीय संघ के पहले सत्र के लिए एकत्र हुए थे। सम्मेलन का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कर दिया गया। कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन दादाभाई नौरोजी के नेतृत्व में कलकत्ता में हुआ। प्रतिनिधियों की संख्या बढ़कर 434 हो गई। सत्र के अंत में, कांग्रेस ने पूरे देश में प्रांतीय कांग्रेस समितियों की स्थापना करने का निर्णय लिया।

(आईएएनएस)

Created On :   28 Dec 2021 10:00 AM GMT

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