पसमांदा सम्मेलन के जरिये मुस्लिम वोटों को साधने की फिराक में भाजपा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) यूपी में मुस्लिम वोटों को अपनी ओर लाने फिराक में जुटी है। इसी कड़ी में 16 और 18 अक्टूबर को लखनऊ में पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन के जरिए भाजपा इसकी शुरूआत करने जा रही है। इस सम्मेलन के जरिए भाजपा नगर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव के लिए मुस्लिमों को साधेगी।
पसमांदा मुस्लिम को जोड़ने और उन पर चर्चा के लिए पहला सम्मेलन 16 अक्टूबर को अल्पसंख्यक मोर्चे के बैनर तले क्राइस्ट चर्च कॉलेज में होगा। जबकि दूसरा सम्मेलन 18 को विश्वेश्वरैया सभागार में होना प्रस्तावित है। सम्मेलन में खासतौर से गुलाम अली खटाना को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम में भाजपा सरकार के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बतौर मुख्य अतिथि व अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री साबिर अली मुख्य वक्ता के तौर पर सम्मेलन में शामिल होंगे। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी, संजय सिंह गंगवार भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
दरअसल तीन माह पहले जुलाई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हैदराबाद में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी से पसमांदा मुसलमानों तक पहुंच बढ़ाने का आह्वान किया था। ऐसे में राजधानी में होने जा रहे सम्मेलन को मुसलिम समुदाय में पार्टी की पैठ बढ़ाने की दिशा में भाजपा के रोडमैप का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
भाजपा सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री और मोर्चा के महामंत्री दानिश आजाद अंसारी का कहना है कि भाजपा आज अल्पसंख्यक समाज की पहली पसंदगी है। इस सरकार में बिना भेदभाव को मुस्लिम समाज को लाभ मिल रहा है। मुस्लिमों को हर स्तर के बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। इसका सीधा उदहारण अभी हाल में हुए आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली है। दोनों सीटों पर मुस्लिम वोटों की संख्या ठीक-ठाक है। यह इस बात को दशार्ता है कि मुस्लिमों की पसंद अब भाजपा बन रही है। विपक्षी दल।केवल वोट बैंक के चक्कर मे भ्रम फैलाते रहेंगे।
ज्ञात हो कि निकाय चुनाव को लेकर भाजपा के सूत्र बताते है कि भाजपा ऐसे वार्ड और नगर पंचायतों में भी अपने सिंबल पर प्रत्?याशी उतार सकती है, जहां अधिकतर अल्?पसंख्?यक वोटर हैं। पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने इस मिशन पर काम शुरू कर दिया है। प्रदेश भर में मोर्चा की बैठकों का सिलसिला शुरू हो रहा है। 200 से ज्यादा नगर पालिका, नगर पंचायत की ऐसी सीटें हैं, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक स्थिति में हैं। माना जा रहा है कि ये तैयारी सिर्फ निकाय चुनाव की नहीं बल्कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। इसी मकसद भाजपा लगातार पसमांदा मुसलमानों की बात कर रही है ताकि अल्पसंख्यकों में सेंध लग सके।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   15 Oct 2022 8:00 PM IST