भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

BJP workers protested against the state government
भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
तमिलनाडु भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु सरकार एक समय में बढ़ाई गईं पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों के खिलाफ थी, वही राज्य सरकार अब केंद्र सरकार द्वारा घटाए गए मूल्य कर (वैट) के पेट्रोल और डीजल के दामों के विरुद्ध है। अभी तक प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती नहीं की है। प्रदेश सरकार के फैसले के विरोध में भाजपा पार्टी ने शुक्रवार को बैलगाड़ी को साथ लेकर धरना प्रदर्शन किया। 1973 में पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ईंधन की ऊंची कीमतों के विरोध में बैलगाड़ी की सवारी करने के लिए तैयार थे। वह संसद में एक बैलगाड़ी पर सवार हुए थे, जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमतों में सात पैसे की वृद्धि की गई थी। तब से, कई दलों ने इस विरोध का इस्तेमाल किया है, जिसमें कर्नाटक में कांग्रेस और तमिलनाडु में भाजपा शामिल हैं।

तमिलनाडु भाजपा अपने नए अध्यक्ष के. अन्नामलाई के नेतृत्व में विभिन्न मुद्दों पर डीएमके सरकार पर हमला कर रही है और ईंधन की कीमतों पर वैट कम नहीं करने के सरकार के फैसले के खिलाफ है। राज्य में विपक्षी दल, अन्नाद्रमुक और भाजपा के सहयोगी, द्रमुक द्वारा दिए गए पेट्रोल की कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 4 रुपये प्रति लीटर की कमी करने के चुनावी वादे और इसे लागू करने में विफलता का हवाला देते रहे हैं। डीएमके और उसके सहयोगियों ने विपक्ष में रहते हुए ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार का कड़ा विरोध किया था। ईंधन की कीमतों को लेकर सोशल मीडिया पर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के खिलाफ ढेर सारे मीम्स वायरल किए गए थे।

मजे की बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती और राज्य सरकार के वैट में कटौती से इनकार के बाद से ये सभी मीम्स बंद हो गए हैं। केंद्र सरकार 2014 के स्तर पर अपने करों को वापस नहीं लेती तब तक तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल थियागा राजन ने ईंधन पर राज्य करों में कटौती से इनकार किया है। राजन के अनुसार, केंद्र सरकार के उच्च करों के साथ, राज्य सरकार के लिए अपने करों को और कम करना न तो उचित है और न ही संभव है। केंद्र सरकार ने पिछले सात वर्षों में पेट्रोल और डीजल पर कर की वसूली बार-बार की है।

उन्होंने कहा, 1 अगस्त 2014 को पेट्रोल के मूल्य 48.55 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 47.27 रुपये प्रति लीटर था। 1 अगस्त 2014 को पेट्रोल पर केंद्रीय कर 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.57 रुपये प्रति लीटर था। राजन ने कहा कि उस समय तमिलनाडु सरकार का पेट्रोल पर 15.47 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10.23 रुपये प्रति लीटर कर था। उन्होंने कहा कि चूंकि तमिलनाडु केंद्रीय करों के बाद वैलोरम कर लगाता है, इसलिए संघ के इस कदम से पेट्रोल के पंप की कीमत में 0.65 रुपये (कुल 5.65 रुपये) और डीजल में 1.10 रुपये (कुल 11.10 रुपये) की अतिरिक्त कमी आएगी। तमिलनाडु में, और इससे राज्य को सालाना लगभग 1,050 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।

पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर राजन ने पहले कहा था कि ऐसा किया जा सकता है बशर्ते केंद्र सरकार उन पर लगाए गए उपकर और अधिभार को खत्म कर दे। पीएमके भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के लिए केंद्र सरकार से कर के स्तर को कम करने की मांग करती रही है। दूसरी ओर, अन्नाद्रमुक की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता ईंधन मूल्य को बदलने वाली केंद्र सरकार की समर्थक थीं। जयललिता ने तर्क दिया था कि ईंधन की दरें आयात लागत, रिफाइनिंग शुल्क और घरेलू कच्चे तेल की दरों और उसी के लिए रिफाइनिंग शुल्क के आधार पर निर्धारित की जानी चाहिए, न कि इसे ट्रेड पैरिटी प्राइस पर आधारित किया जाना चाहिए।

(आईएएनएस)

Created On :   28 Nov 2021 4:30 PM IST

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