आई-कोर चिटफंड मामले में सीबीआई ने पार्थ चटर्जी से की पूछताछ

CBI questions Bengal industry minister in I-Core chit fund case
आई-कोर चिटफंड मामले में सीबीआई ने पार्थ चटर्जी से की पूछताछ
मंत्रीजी की बढ़ी मुश्किलें आई-कोर चिटफंड मामले में सीबीआई ने पार्थ चटर्जी से की पूछताछ
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी के यह कहने के बाद कि वह सीबीआई कार्यालय नहीं जा पाएंगे, अधिकारी उनके दक्षिण कोलकाता कार्यालय आए और उनसे दो घंटे तक पूछताछ की।

एजेंसी ने चटर्जी से चिटफंड समूह के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ की।

पूछताछ के बाद मीडिया से बात करते हुए चटर्जी ने कहा, मैंने उनसे कहा कि मैं उनके कार्यालय नहीं जा पाऊंगा और इसलिए वे यहां आए और मुझसे दो घंटे तक बात की। मैंने उन्हें बताया कि 2011 में वाणिज्य, उद्योग और आईटी मंत्री होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं रोजगार पैदा करूं और इसलिए मैं कई कंपनियों से मिला और आई-कोर उनमें से एक थी।

समूह के साथ उनकी कथित संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर, चटर्जी ने कहा, यह पता लगाना मेरी जिम्मेदारी नहीं है कि कौन सा चिट-फंड समूह है और इसके लिए सेबी, ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां हैं। यह उनकी जिम्मेदारी है। मैंने केवल अपना काम किया है।

चटर्जी ने बताया कि सीबीआई ने उन्हें उनके कार्यालय में आने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने बताया कि उनके लिए वहां जाना संभव नहीं है और इसलिए वे यहां आए। उन्होंने कहा, मैंने अपनी पूरी क्षमता से उनके साथ सहयोग किया है और भविष्य में भी करता रहूंगा। उन्होंने यहां आने के लिए शिष्टाचार दिखाया है और मैंने उनके साथ सहयोग करके अपना काम किया है।

इससे पहले दिन में चटर्जी ने सीबीआई को लिखे एक पत्र में कहा था कि वह एक वरिष्ठ नागरिक हैं और वर्तमान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव में व्यस्त हैं और इसलिए उनके लिए सीबीआई अधिकारियों के लिए उपस्थित होना संभव नहीं होगा। हालांकि, चटर्जी ने कहा कि अगर सीबीआई अधिकारी उनसे उनके घर पर पूछताछ करना चाहते हैं, तो वह उनके लिए उपलब्ध रहेंगे और एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे।

यह जवाब तब आया, जब 8 सितंबर को सीबीआई ने चटर्जी को एक पत्र भेजकर आई-कोर चिटफंड घोटाले के सिलसिले में दक्षिण कोलकाता के निजाम पैलेस में एजेंसी के क्षेत्रीय मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा था।

पता चला है कि सीबीआई ने आई-कोर ग्रुप के साथ चटर्जी का सीधा संबंध पाया है और वे उसी के आधार पर उनसे पूछताछ करना चाहते हैं। सीबीआई के सूत्रों ने खुलासा किया कि जांच एजेंसी को एक वीडियो क्लिप मिली है जिसमें चटर्जी आई-कोर प्रमुख अनुकुल मैती के साथ एक कार्यक्रम में मंच पर पाए गए थे और चटर्जी को आई-कोर के पक्ष में बोलते हुए सुना गया था।

इस संबंध में सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, वीडियो क्लिप की तारीख उस समय की है, जब आई-कोर के खिलाफ कई शिकायतें थीं और इसलिए यह जानना दिलचस्प होगा कि राज्य मंत्री होने के नाते, चटर्जी कार्यक्रम में क्यों गए और आई-कोर के पक्ष में आखिर क्यों बात की।

अधिकारी ने यह भी कहा कि पूछताछ के दौरान कई मौकों पर, चटर्जी का नाम सामने आया है और हम राज्य मंत्री से सटीक विवरण जानना चाहते हैं।

यह पहली बार नहीं है, बल्कि कई बार ऐसे मौके आए हैं जब सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने पार्थ चटर्जी को नोटिस भेजा है, लेकिन उन्होंने चुनाव और अन्य राजनीतिक कार्यक्रमों में अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए पूछताछ से परहेज किया था।

आई-कोर चिटफंड घोटाला 2015 में तब सामने आया था, जब केंद्रीय जांच एजेंसी ने आई-कोर समूह प्रमुख अनुकुल मैती को कथित तौर पर छोटे निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये के अवैध रूप से एकत्रित धन जुटाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने वाले मैती भुवनेश्वर की एक जेल में बंद थे, जहां नवंबर 2020 में उनकी मृत्यु हो गई।

 

आईएएनएस

Created On :   13 Sep 2021 3:30 PM GMT

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