छग : राशन दुकानों को तिरंगे रंग में रंगने के फैसले पर सियासत गरम

Cg: Politics heated over decision to paint ration shops in tricolor
छग : राशन दुकानों को तिरंगे रंग में रंगने के फैसले पर सियासत गरम
छग : राशन दुकानों को तिरंगे रंग में रंगने के फैसले पर सियासत गरम

रायपुर, 22 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में राशन दुकानों को तीन रंगो अर्थात तिरंगे के रंग में रंगने के फैसले ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। भाजपा जहां कांग्रेस और राज्य सरकार पर राशन दुकानों का कांग्रेसीकरण करने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस ने भाजपा को सद्बुद्घि देने की ईश्वर से कामना की है।

राज्य के खाद्य विभाग ने राशन दुकानों में एकरूपता लाने के मकसद से सभी दुकानों को एक रंग अर्थात तिरंगे के रंग में रंगने का फैसला किया है। इस संदर्भ में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की ओर से जारी आदेश में नागरिकों की सुविधा के लिए प्रदेश के सभी उचित मूल्य की दुकानों में एकरूपता लाने के साथ ही साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था एवं सुरक्षा के समुचित इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। उचित मूल्य की दुकानों को तीन रंगों में रंगने के लिए किस तरह से पुताई होगी, इसका मॉडल प्रारूप प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को भेजा गया है।

सूत्रों का कहना है कि राशन दुकानों की रंगाई का काम पूरा होने के प्रमाणीकरण के लिए जिला कलेक्टरों तक दुकानों की तस्वीरें भेजी जाएंगी, जहां से वे विभाग प्रमुख तक आएंगी। साथ ही दुकानों के बाहर दुकानों पर उपलब्ध भंडारण का ब्यौरा भी दर्ज किया जाएगा।

सरकार के इस फैसले के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है, तमाम योजनाओं का सरकारीकरण किया जा रहा है, यह राजनीतिकरण का प्रयास है। राशन दुकानों को तिरंगे के रंग में पुताई हो रही है, जो निश्चित रूप से गलत परंपरा और परिपाटी को लाने का प्रयास किया जा रहा है।

भाजपा नेता के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया, तिरंगा इस देश की आन-बान-शान है। तिरंगा न उनको आजादी के समय मंजूर था और न आज मंजूर है। कांग्रेस का विरोध करते करते देश और संविधान का विरोध करने वालों को ईश्वर सद्बुद्घि दें। हे राम!

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने रमन सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, तिरंगे का विरोध मतलब देश और संविधान का विरोध है। तिरंगे का विरोध उन सभी वीर सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है, जिन्होंने तिरंगे की खातिर अपनी जान दी। ऐसा तुच्छ बयान देकर डॉ. रमन सिंह ने अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है, जो उनकी मातृ संस्था का विचार है। दुखद।

Created On :   22 Nov 2019 5:00 PM IST

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