वीडियो कवरेज के दौरान मतपत्र की गोपनीयता से समझौता नहीं होना चाहिए: चुनाव आयोग

Confidentiality of ballot paper should not be compromised during video coverage: Election Commission
वीडियो कवरेज के दौरान मतपत्र की गोपनीयता से समझौता नहीं होना चाहिए: चुनाव आयोग
दिल्ली वीडियो कवरेज के दौरान मतपत्र की गोपनीयता से समझौता नहीं होना चाहिए: चुनाव आयोग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कहा है कि उप-राष्ट्रपति चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण इवेंट्स की वीडियोग्राफी की जाएगी। हालांकि, आयोग ने स्पष्ट किया कि उस वीडियो कवरेज से मतपत्र की गोपनीयता से समझौता नहीं होना चाहिए।

पोल पैनल के अनुसार, प्रेक्षक (ऑब्जर्वर) व्यक्तिगत रूप से वीडियो कवरेज की प्रक्रिया की निगरानी करेगा। हालांकि, किसी भी परिस्थिति में वीडियो कवरेज से (चाहे दूरस्थ/रिमोटली ही क्यों न हो) मतपत्र की गोपनीयता से समझौता नहीं होना चाहिए। आयोग ने हिदायत दी है कि मतदान प्रक्रिया को कवर करते समय वीडियोग्राफर को लंबे और मध्यम अवधि के शॉट्स, पैन शॉट्स का उपयोग करना चाहिए और किसी एक मतदाता पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए और विशेष रूप से जब कोई मतदाता मतपत्र पर अपना वोट अंकित कर रहा है, तो उसे जूमिंग तकनीकों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

चुनाव आयोग ने कहा, मतदान के दौरान, यदि कोई घटना होती है,. जो मतदान के व्यवस्थित और सुचारू संचालन को प्रभावित कर सकती है, जिसमें मतदान प्रक्रियाओं का पालन भी शामिल है, जिसे वीडियो में भी शामिल किया जाएगा, उस स्थिति में रिटनिर्ंग अधिकारी और पर्यवेक्षकों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। ऐसी किसी भी घटना के मामले में वे वीडियोग्राफर को व्यक्तिगत रूप से निर्देशित करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि घटना की वीडियोग्राफी हो।

वीडियोग्राफी में मतदान के प्रयोजन के लिए मतपेटियों और मतपत्रों का भंडारण और अन्य चुनाव सामग्री (यदि कोई हो) आयोग से प्राप्त होने पर, स्ट्रांग रूम में होगा और स्ट्रांग रूम की सीलिंग पर भी ध्यान देना जरूरी है। इसमें मतदान के दिन मतदान स्थल पर मतपेटियों और मतपत्रों आदि को स्थानांतरित करने के लिए स्ट्रांग रूम की ओपनिंग भी शामिल है।

चुनाव आयोग ने कहा कि वीडियोग्राफी में मतदान शुरू होने से ठीक पहले मतदान स्थल की वास्तविक सेटिंग भी शामिल होगी, जिसमें मतदान कक्ष, मतपेटी, पीठासीन अधिकारी और अन्य अधिकारियों, उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों और आयोग के पर्यवेक्षकों के बैठने की व्यवस्था जैसे कार्य शामिल हैं।

बता दें कि राष्ट्रपति का चुनाव संपन्न होने के बाद अब छह अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। यूपीए की ओर से मार्गरेट अल्वा प्रत्याशी हैं, वहीं एनडीए की ओर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनकड़ को उम्मीदवार बनाया गया है।

 

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Created On :   25 July 2022 5:30 PM GMT

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