मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेता ने किया बड़ा दावा, आगामी चुनावों में सीएम चेहरे को लेकर मंथन कर रही है बीजेपी, सिंधिया हो सकते हैं सीएम चेहरा!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के तौर पर जनता के बीच गहरी पैठ बना बैठे सीएम शिवराज सिंह चौहान को हटाना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर है। लेकिन अंदरूनी तौर पार्टी के भीतर मची खींचतान से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान न उठाना पड़े, इसके लिए पार्टी के भीतर सीएम चेहरे को लेकर मंथन जारी है। इसमें सबसे तेजी से जो नाम उभरा है उनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम चर्चा में है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी से ही मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार को एक बार फिर सत्ता संभालने का मौका मिला। ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से राजनीति में मध्यप्रदेश के कई नेताओं की किस्मत बदल दी। राजघराने से चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भी दो कट्टर दुश्मन के तौर पर ही माना जाता है।
बीजेपी की मजबूरी शिवराज को हटाना
कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हर मोर्चे पर फेल बताया हैं, इसलिए उन्हें हटाना अब बीजेपी की मजबूरी हो गई है। साल 2018 में जिस चेहरे को जनता ने नकार दिया उसे फिर 2023 में कैसे जनता के बीच ले जाएं ? इस बात को लेकर बीजेपी में मंथन चल रहा है। इस कड़ी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा,बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा भी और भी कई नाम हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद इस बार मुख्यमंत्री कमलनाथ ही बनेंगे।
मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। सियासी गलियारों में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पद पर बने रहने की स्थिति उनके पक्ष में जाते हुए नजर नहीं आ रही है। माना जा रहा है कि साल 2018 में जिस चेहरे को जनता नकार चुकी है उसे दोबारा मौका न दिया जाए। इसे लेकर ही बीजेपी के ही कुछ बड़े नेता चाहते है कि सीएम चेहरा बदला जाए। आपसी टकराव और सीएम बनने की चाहत में पार्टी में खींचतान देखी जा रही है। ऐसे में आपसी टकराव से बचने से बचने के लिए सीएम चेहरे के तौर पर सिंधिया का नाम प्रबल माना जा रहा है। बीजेपी को दोबारा सत्ता में लाए ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रदेश में अच्छी पकड़ मानी जा रही है। वहीं कई दफा ग्वालियर संभाग में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सिंधिया के बीच पोस्टर से लेकर सड़क प्रदर्शनी और मंचों पर टकराव जैसी स्थिति देखी गई। दोनों ही नेताओं ने पार्टी हाईकमान के निर्देश पर आपसी तालमेल के साथ तनाव को ज्यादा तूल न पकड़ने दिया।
मध्य प्रदेश सत्तापलट के बाद जून 2020 में सिंधिया बीजेपी से राज्यसभा सांसद चुने गए। और मोदी सरकार में उन्हें ईनाम के दौर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है।
संभाल रखा है पिता के विरासत को
सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया कांग्रेस से जुड़े हुए थे। कई दशक से कांग्रेस पार्टी से जुड़े सिंधिया परिवार ने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया। पिता के विरासत और सियासत को पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे बढ़ाया है। ऐसा माना जाता है कि सिंधिया के एक इशारे पर कई बड़े नेता बड़ा कदम उठा सकते हैं।
Created On :   9 Feb 2023 7:49 PM IST