गांधी परिवार को ईडी के समन पर कांग्रेस बोली, यह ध्यान भटकाने की रणनीति है

Congress said on EDs summon to Gandhi family, it is a strategy to divert attention
गांधी परिवार को ईडी के समन पर कांग्रेस बोली, यह ध्यान भटकाने की रणनीति है
नेशनल हेराल्ड मामला गांधी परिवार को ईडी के समन पर कांग्रेस बोली, यह ध्यान भटकाने की रणनीति है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एजेएल-नेशनल हेराल्ड मामले के सिलसिले में तलब किए जाने के बाद कांग्रेस ने इसे और कुछ नहीं, बल्कि ध्यान भटकाने वाली रणनीति करार दिया।

वरिष्ठ कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, मैं शुरू में ही यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि एजेएल (एसोसिएटेड जर्नल्स) का फर्जी मुद्दा भाजपा के प्रचार तंत्र द्वारा महंगाई, गिरती जीडीपी, सामाजिक अशांति और देश के विविध महत्वपूर्ण मुद्दों से नागरिकों का ध्यान भटकाने का प्रयास है।

उन्होंने कहा, 2014-15 से कांग्रेस के जाना-माना आलोचक, ईडी जानता है कि उसके पास कांग्रेस अध्यक्ष या पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के लिए समन मांगने के लिए कोई सामग्री नहीं है।

सिंघवी ने कहा, एजेएल दशकों पुरानी एक सम्मानित कंपनी है। इसमें विरासत और मूल्यांकन के साथ नेशनल हेराल्ड का बड़ा झंडा है। वर्षो से यह एक विचार प्रक्रिया, मूल्यों का एक सेट पेश करने के लिए था, लेकिन व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हो सका। इसलिए, एजेएल को दशकों में बहुत सारी वित्तीय समस्याएं झेलनी पड़ीं। आखिरकार कांग्रेस ने इसमें कदम रखा और अलग-अलग समय में वित्तीय सहायता के रूप में 90 करोड़ रुपये दिए।

उन्होंने कहा, तो एजेएल एक कर्जदार कंपनी बन गई। अब एक उल्लेखनीय बात आती है कि एजेएल ने वह किया जो भारत में हर कंपनी करती है, उसने अपने कर्ज को हिस्सेदारी में बदल दिया।

सिंघवी ने कहा, तो, 90 करोड़ रुपये का यह कर्ज एक नई कंपनी को सौंपा गया था, ताकि एजेएल की किताबें कर्ज मुक्त हो जाएं। आपको ध्यान देना चाहिए कि नई कंपनी क्या है, इसे यंग इंडिया कहा जाता है। यंग इंडिया को कर्ज प्राप्त हुआ, कंपनी अधिनियम, धारा 25 के एक विशेष प्रावधान के तहत यह एक नव-निर्मित कंपनी थी, जो लाभ के लिए नहीं थी।

कांग्रेस नेता ने कहा, यह एक स्वतंत्र इकाई है। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का सवाल कहां उठता है? पैसा है नहीं, इसलिए धन का हस्तांतरण नहीं हुआ है और फिर भी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया जाता है।

उन्होंने कहा, यंग इंडिया किसी भी रूप में धन का उपयोग नहीं कर सकता, क्योंकि यह न तो लाभांश का भुगतान कर सकता है और न ही लाभ जमा कर सकता है, जिसके द्वारा वह धन दे सकता है। यही कारण है कि इस मामले को बंद कर दिया गया। हमने बहुत पहले 2015 में यह बात कही थी, लेकिन इस सरकार ने दुर्भावना के कारण उस समय ईडी के प्रमुख को बर्खास्त कर दिया था।

सिंघवी ने कहा, यह एक बड़ी बीमारी का हिस्सा है। एक ऐसी बीमारी जो अंतत: सत्ताधारी पार्टी को खा जाएगी। यह बीमारी पूरी तरह से प्रतिशोध की शर्तो पर, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, फारूक अब्दुल्ला से लेकर डीएमके पदाधिकारियों तक, गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक, जिग्नेश मेवाणी से लेकर ममता बनर्जी उनके परिवार तक, हर राजनीतिक दल पर हमला करने में ईडी का इस्तेमाल हो रहा है।

 

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Created On :   1 Jun 2022 9:00 PM IST

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