दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने अन्नाद्रमुक की अर्जी पर सुनवाई से खुद को अलग किया

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दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने अन्नाद्रमुक की अर्जी पर सुनवाई से खुद को अलग किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट की एक न्यायाधीश ने सोमवार को अन्नाद्रमुक और उसके अंतरिम महासचिव के. पलानीस्वामी द्वारा चुनाव आयोग के साथ अपने रिकॉर्ड को अपडेट करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ ने मामले को 12 अप्रैल को एक अन्य पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

उन्होंने कहा, माननीय मुख्य न्यायाधीश के आदेश के तहत इस मामले को किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें।

अन्नाद्रमुक ने मांग की है कि अदालत चुनाव आयोग को उसके आवेदन पर विचार करने और 11 जुलाई, 2022 के नवीनतम संशोधित उपनियमों को अपने रिकॉर्ड में अपलोड करने का निर्देश दे। राजनीतिक दल ने दावा किया है कि पार्टी में लंबित कुछ आंतरिक विवादों के कारण चुनाव आयोग ने कानूनी सिद्धांतों के विपरीत काम किया है।

अन्नाद्रमुक ने याचिका में कहा है कि वेबसाइट पर नवीनतम उपनियमों को अपलोड करने में चुनाव आयोग की निष्क्रियता कर्नाटक में महत्वपूर्ण उपस्थिति वाले एक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में उसके लोकतांत्रिक ताने-बाने को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी, क्योंकि वह चुनावों में भाग लेने में असमर्थ होगी।

याचिका में कहा गया है, निष्क्रियता केवल याचिकाकर्ता पार्टी की गतिविधियों में गंभीर व्यवधान पैदा करेगी और देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर गंभीर असर डालेगी।

याचिका में आगे कहा गया है कि संशोधित रिकॉर्ड अपलोड करने में चुनाव आयोग की निष्क्रियता से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जहां अन्नाद्रमुक उम्मीदवार नहीं खड़ा कर पाएगी या कोई अन्य प्रशासनिक कार्य नहीं कर पाएगी।

याचिका में कहा गया है, चुनाव आयोग की निष्क्रियता न केवल अन्नाद्रमुक के लिए, बल्कि पार्टी के प्राथमिक सदस्यों और तमिलनाडु राज्य के पूरे नागरिकों के लिए गंभीर पूर्वाग्रह और कठिनाई पैदा कर रही है। अन्नाद्रमुक का प्रतिनिधित्व कर रहे समन्वयक और पार्टी के अन्य पदाधिकारी विभिन्न अज्ञात व्यक्तियों को पार्टी के पदों पर नियुक्त कर रहे हैं और इस एक जीवंत लोकतंत्र में ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अदालत को बताया गया कि तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है।

यह याचिका कर्नाटक में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद दायर की गई थी।

 

 

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Created On :   10 April 2023 8:00 PM IST

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