कृषि अनुसंधान और विकास में 10 साल का रोडमैप विकसित

Developed a 10-year roadmap in agricultural research and development
कृषि अनुसंधान और विकास में 10 साल का रोडमैप विकसित
कृषि मंत्री तोमर कृषि अनुसंधान और विकास में 10 साल का रोडमैप विकसित
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  • कृषि अनुसंधान और विकास में 10 साल का रोडमैप विकसित : कृषि मंत्री तोमर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा को मंगलवार को बताया गया कि भारत ने अपने लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा, किसानों की समृद्धि हासिल करने के लिए विज्ञान और नवाचार की शक्ति का उपयोग करते हुए अगले 10 वर्षों के लिए एक स्पष्ट रोडमैप विकसित किया है।

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) द्वारा विकसित रोडमैप भारतीय कृषि क्षेत्र के समावेशी विकास और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक संसाधन आधार को भी बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा कि अनुसंधान और विकास के केंद्रित क्षेत्रों में जैविक और अजैविक तनावों की बढ़ी हुई तीव्रता के तहत उच्च उत्पादकता के लिए पौधों/जानवरों/मछलियों की आनुवंशिक वृद्धि, स्थायी गहनता के माध्यम से उत्पादकता में वृद्धि, कृषि और खाद्य प्रणाली का मशीनीकरण, भोजन के माध्यम से मूल्य, सुरक्षा और आय में वृद्धि शामिल है।

उन्होंने कहा कि प्रसंस्करण, ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों का विकास और कृषि पद्धतियों, शिक्षा और मानव-संसाधन विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रणालियों में नवाचारों को विकसित करना और बढ़ावा देना।

तोमर ने दावा किया कि उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकियां कम से कम समय में किसानों और अंतिम उपयोगकर्ताओं तक पहुंचती हैं। केंद्रीय विभागों और संबंधित राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में किसानों के खेतों में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नई तकनीकें जैसे कि फसलों की उन्नत किस्म के बीज, नई नस्लें/पशुधन और मछली की नस्लें और उन्नत तकनीकें।

इस उद्देश्य के लिए देश में जिला स्तर पर 729 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) का एक नेटवर्क बनाया गया है। पोर्टल, मोबाइल ऐप और वेब-आधारित संचार नेटवर्क जैसे नॉलेज प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले सिस्टम के माध्यम से भी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण होता है।

मंत्री ने कहा, क्षमता निर्माण के लिए ज्ञान और सलाह प्राप्त करने के लिए किसानों, किसान समूहों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) आदि जैसे समुदाय आधारित संगठनों की क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में तेजी से विकास राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) द्वारा विकसित सूचना और प्रौद्योगिकियों के तेजी से प्रसार के लिए सुविधा के रूप में उपयोग किया जाता है।

आईएएनएस

Created On :   9 Feb 2022 12:00 AM IST

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