ईडी ने एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ, परिवार, सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के आरोप में छापेमारी की

ED raids NCP leader Hasan Mushrif, family, aides on corruption charges
ईडी ने एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ, परिवार, सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के आरोप में छापेमारी की
राजनीति ईडी ने एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ, परिवार, सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के आरोप में छापेमारी की

डिजिटल डेस्क, कोल्हापुर/पुणे। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के कथित आरोपों के मामले में कोल्हापुर और पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता हसन मुश्रीफ, उनके परिवार के सदस्यों और कुछ अन्य व्यक्तियों के घर और कुछ अन्य स्थानों पर छापा मारा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया द्वारा मुश्रीफ के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के विभिन्न आरोपों के बाद दोनों शहरों में 7 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गए। उन्होंने एनसीपी नेता और उनके सहयोगियों पर निष्क्रिय कंपनियों के माध्यम से सौदों से संबंधित सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग, एक चीनी मिल को हड़पने, भारी संपत्ति अर्जित करने समेत कई आरोप लगाए हैं।

कोल्हापुर के कगल कस्बे में मुश्रीफ के घर और राकांपा नेता से जुड़े अन्य स्थानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच लगभग दो दर्जन ईडी की टीमों ने कड़ी सुरक्षा के बीच कुछ दस्तावेजों और अन्य सबूतों को जब्त कर लिया और छापेमारी 12 घंटे से अधिक समय तक चली। 68 वर्षीय मुश्रीफ ने इन आरोपों का खंडन किया है और हैरानी जतायी है कि क्या किसी खास समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा- कोई नोटिस या सूचना नहीं दी गई थी। हम सभी पर चार साल पहले भी आईटी विभाग द्वारा छापा मारा गया था। हमने सभी जानकारी प्रदान की है। मैंने बार-बार कहा है कि मेरा इन कंपनियों, कारखानों या व्यक्तियों से कोई लेना-देना नहीं है।

सोमैया ने कहा, मुश्रीफ के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है, हसन-मिया को अब अपना धर्म क्यों याद आ रहा है? मिया मुश्रीफ के बाद और भी कई नेता हैं, जिन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। उनका इशारा मुंबई कांग्रेस के पूर्व मंत्री असलम शेख की ओर था। पूर्व भाजपा विधायक ने कई उदाहरणों का हवाला दिया और शेल या फर्जी कंपनियों के माध्यम से मुश्रीफ, उनके सहयोगियों, अधिकारियों और अन्य लोगों से जुड़े कथित वित्तीय सौदों के आंकड़ों को दिखाया और कथित तौर पर सैकड़ों करोड़ रुपये के अन्य अवैध सौदों के लिए धन कैसे भेजा गया यह भी बताया।

अन्य बातों के अलावा, सोमैया ने मुश्रीफ पर अप्पासाहेब नलवाडे गढ़िंगलाज सहकारी चीनी मिल लिमिटेड का नियंत्रण हड़पने, भारी भरकम अदायगी और संदिग्ध लेन-देन के माध्यम से भारी मात्रा में मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया है, जिससे उन्हें, उनके परिवार या सहयोगियों को लाभ हुआ। छापेमारी शुरू होते ही नाराज एनसीपी कार्यकर्ता मुश्रीफ के घर के बाहर इकट्ठा हो गए और उन्होंने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, भाजपा, सरकार और जांच एजेंसियों के खिलाफ नारे लगाए और सोमैया का पुतला जलाया।

हालांकि, शांत रहने और संयम बनाए रखने की मुश्रीफ की वीडियो अपील पर ध्यान देते हुए प्रदर्शनकारी चले गए। लेकिन शाम को कोल्हापुर निवास पर फिर लौट आए क्योंकि छापेमारी जारी रही, और धमकी देने लगे किअगर एक घंटे में कार्रवाई नहीं रुकी, तो वह धावा बोल देंगे।

पिछले कुछ वर्षों में अनिल देशमुख और नवाब मलिक (राकांपा), शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और पूर्व मंत्री अनिल परब के बाद जांच एजेंसियों के रडार पर आने वाले मुश्रीफ पांचवें एमवीए नेता हैं। कागल से 5-टर्म विधायक मुश्रीफ एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के करीबी विश्वासपात्र हैं, और डेमोक्रेटिक फ्रंट और एमवीए सरकारों में कई वर्षों तक मंत्री रहे।

नाना पटोले, अतुल लोंधे, जयंत पाटिल, अजीत पवार, दिलीप वाल्से-पाटिल, महेश तापसे, राउत, अंबादास दानवे और अन्य शीर्ष एमवीए नेताओं ने डर की राजनीति, बदले की राजनीति करने और राजनीतिक विरोधियों को शिकार बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए भाजपा की आलोचना की।

 

 (आईएएनएस)।

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Created On :   11 Jan 2023 8:00 PM IST

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