खाकी छोड़ खादी पहनेंगे ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह, बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में!

EDs Joint Director Rajeshwar Singh will wear Khadi instead of Khaki, preparing to contest elections on BJP ticket!
खाकी छोड़ खादी पहनेंगे ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह, बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में!
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 खाकी छोड़ खादी पहनेंगे ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह, बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में!

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा भी कर दी है। अब यूपी की सियासत में काफी हलचल देखने को मिल रही है। आपको बता दें कि यूपी राजनीति में अभी तक नेताओं का दलबदल कार्यक्रम चल रहा था। लेकिन यूपी सियासत में उस वक्त गर्मी बढ़ गई, जब अचानक दो पुलिस विभाग के  अधिकारियों ने वीआरएस लेकर राजनीति में उतरने का मन बना लिया। 

बता दें कि यूपी के कानपुर में कार्यरत पुलिस कमिश्नर असीम अरूण ने वीआरएस लेकर बीजेपी का दामन थाम लिया है। यहां तक कि खबरें आ रही है कि वो कन्नौज से बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ेंगे। उधर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के संयुक्त निदेशक राजेश्‍वर सिंह खाकी छोड़ खादी पहनने वाले हैं। पिछले साल अगस्त में लखनऊ में तैनात सिंह ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था। उनके वीआरएस (वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्‍कीम) के अनुरोध को विभाग ने स्‍वीकार कर लिया है। राजेश्‍वर ने जब वीआरएस के लिए अनुरोध किया था तभी से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। कयास लगाए जा रहे है  कि सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। 

राजेश्वर सिंह ने सहारा प्रमुख भेजा था जेल

बता दें कि राजेश्‍वर सिंह वही हैं, जिन्‍होंने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर-कानूनी तरीके से 24000 करोड़ लेने के आरोप में जेल भिजवा दिया था। वहीं, एयरसेल-मैक्सिस डील को हरी झंडी देने के लिए तब के वित्त मंत्री पी चिदंबरम की खटिया खड़ी कर दी थी। इनके अलावा बतौर ईडी ऑफिसर राजेश्‍वर सिंह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले, कोयला घोटाले, कॉमनवेल्थ गेम्स स्कैम जैसे केस की जांच में शामिल रहे हैं।

राजेश्वर सिंह पीपीएस ऑफिसर थे

आपको बता दें कि वीआरएस के लिए आवेदन के वक्‍त राजेश्‍वर ईडी लखनऊ जोन के संयुक्त निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उनकी गिनती तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में होती थी। साल 2009 में उत्तर प्रदेश पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर वह ईडी में शामिल हुए थे। बाद में उन्हें 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल कर लिया गया था। राजेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के पखरौली के निवासी हैं। सिंह उत्‍तर प्रदेश काडर के प्रोविजनल पुलिस सर्विस (पीपीएस) ऑफिसर थे। ईडी में उनकी पारी की शुरुआत से उन्‍हें हाई प्रोफाइल केसों पर काम करने का मौका मिला। जिसके बाद उन्होंने खूब सुर्खिया बटोरी थी। 

सहारा मामले को लेकर बटोरीं थी खूब सुर्खियां

गौरतलब है कि साल 2011 में प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी के खिलाफ अलग-अलग मंत्रालयों और सरकारी निकायों के समक्ष लगभग 50 एक जैसी शिकायतें दर्ज की गईं। वह अधिकारी कोई और नहीं राजेश्‍वर सिंह ही थे। राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर रक्षा और कानून समेत अलग-अलग मंत्रालयों को सिंह के कामकाज के तौर-तरीकों की जांच की शिकायतें मिलीं। गौरतलब है कि राजेश्वर सिंह पर आय से अधिक संपत्ति के मामले के भी आरोप लगे।

मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा हालांकि, सिंह इनका डटकर मुकाबला करते रहे। उसी साल मई 2011 में सिंह ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय, पत्रकार उपेंद्र राय और सुबोध जैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। राजेश्‍वर ने शिकायत की थी कि रॉय के साथ उपेंद्र और सुबोध जैन 2जी स्‍कैम में उनकी जांच में हस्‍तक्षेप कर रहे हैं। 

जानें राजेश्वर सिंह की शैक्षणिक योग्यता

आपको बता दें कि राजेश्वर सिंह ने बी.टेक के साथ पुलिस, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय विषय में पीएचडी की है। सिंह 1966 बैच के यूपी के पीपीएस अधिकारी थे और अपने तेजतर्रार फैसलों के लिए जानें जाते थे। उनकी बहन आभा सिंह पेशे से मुंबई में वकील हैं। राजेश्वर सिंह की शादी आईपीएस लक्ष्मी सिंह से हुई है। 


 

Created On :   9 Jan 2022 1:53 PM GMT

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