हिमाचल आय अर्जित करने के लिए भांग के गैर-मादक उपयोग को अपनाने की योजना बना रहा
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरुवार को कहा कि सरकार लोगों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के अलावा राजस्व उत्पन्न करने के लिए भांग के पौधों के गैर-मादक उपयोग के ²ष्टिकोण को अपनाने जा रही है। नेगी ने शिमला में इस संबंध में गठित समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, समिति राज्य में रोगियों को सुरक्षित प्राकृतिक दवाओं तक पहुंच प्रदान करने, प्लास्टिक और निर्माण सामग्री के लिए बायोडिग्रेडेबल व जैविक विकल्प उपलब्ध करवाने के लिए भांग के औषधीय एवं औद्योगिक उपयोग के लिए नियमों और नीतिगत ढांचे के सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है।
मंत्री ने कहा कि समिति पर्यावरणीय प्रभावों पर ध्यान देने के साथ राज्य में विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करेगी। आने वाले वर्षों में विदेशी निवेश की भी उम्मीद है। ऐसे निवेश अवसरों के लिए अनुकूल नीति बनाकर हिमाचल प्रदेश इस अवसर का नेतृत्व कर सकता है। नेगी ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स, आयुर्वेद, कपड़ा, खाद्य पदार्थ और सौंदर्य प्रसाधन जैसे विभिन्न उद्योगों में भांग के फाइबर, बीज, पत्ती और फूल से कई उच्च मूल्य वाले उत्पाद बनाए जा सकते हैं।
बैठक में एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पॉलीहाउस में मेडिकल हेंप की लाइसेंसशुदा खेती, जंगली भांग एकत्रित करने के अलावा बाड़ वाले क्षेत्रों में कम नशीले कारक के साथ औद्योगिक भांग की लाइसेंसी खेती, दवा बाजार तक इसकी उपलब्धता सीमित करने और गैर-मादक उद्देश्यों के लिए जंगली पौधे के उपयोग पर भी चर्चा की गई। नेगी ने कहा कि समिति ने भांग की वैध खेती से संबंधित नियमों एवं उनके प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का दौरा करने की भी योजना बनाई है। एडवोकेट देवेन खन्ना ने भांग के पौधों के गैर-मादक उपयोग और इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताया।
(आईएएनएस)
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Created On :   27 April 2023 9:30 PM IST