मनुष्य का इतिहास जितना पुराना, उतना ही पुराना नृत्य का इतिहास : भूपेश बघेल
डिजिटल डेस्क, रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मनुष्य का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना नृत्य का इतिहास है। दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य शैली, वाद्ययंत्र में समानता है। यह अद्भुद संयोग है कि दुनियाभर के आदिवासी नृत्यों की शैली, ताल, लय में बहुत समानताएं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरी दुनिया के आदिवासियों का हृदय एक ही है। उन हृदयों के भाव एक ही हैं। उनके सपने, उनकी आशाएं और उनकी इच्छाएं एक ही हैं। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्देश्य आदिम संस्कृति को बचाये रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की जब हम लोगों ने शुरूआत की, तब हमने यही सोचा था कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक खूबसूरती को पूरी दुनिया तक पहुंचाएंगे। लेकिन पहला ही आयोजन इतना सफल रहा कि आज इसका फलक बहुत बड़ा हो गया है। कहने को तो यह राष्ट्रीय आयोजन है, लेकिन इसमें पूरे भारत के जनजातीय समुदायों के साथ-साथ दुनिया के अनेक देशों के जनजातीय समुदाय अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य स्थापना दिवस को बताया विजय दिवस :-
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ का राज्य स्थापना दिवस है। आज हमारा विजय दिवस है, क्योंकि आज ही के दिन हमारे पुरखों का संघर्ष सफल हुआ था। हर बार 01 नवंबर को छत्तीसगढ़िया लोगों का दिल उल्लास से भरा होता है। उनका मन थिरक उठता है। राज्य स्थापना दिवस के साथ राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का यह स्वभाविक संगम है। मुख्यमंत्री ने भारत के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और दुनिया भर के जनजातीय कलाकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि देश दुनिया के आदिवासी कलाकार हमारी खुशियों में शामिल होने आए हैं। वे हमारे साथ थिरक रहे हैं और अपनी सांस्कृतिक खूबसूरती के रंगों से हमारी संस्कृति को और भी सुंदर बना रहे हैं। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एक दूसरे विचारों और अनुभवों का साझा करने का बड़ा अवसर भी है। हम सब एक दूसरे से सीखेंगे, जानेंगे, समझेंगे और मिलजुलकर सोचेंगे कि दुनिया को किस तरह बेहतर बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी कलाकारों को विदेश में प्रस्तुति का अवसर और मंच प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद नई दिल्ली के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हेतु सहमति बनी है, जिससे आदिवासी संस्कृति के प्रसार और विनिमय का दायरा बढ़ेगा।
आईएएनएस द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछे जाने पर कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय के लोगों के उत्थान के लिए उनके रोजी रोजगार के लिए क्या कदम उठा रही है और क्या कदम उठाए हैं? इसका जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लगातार हम लोग छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय के लिए और सभी लोगों के लिए लगातार हम लोग कार्य कर रहे हैं चाहे वह किसानों की ऋण माफी हो, अभी 2500 रूपए में धान खरीदी का फैसला हम लोगों ने लिया, लघुउपज 65 प्रकार की खरीदी कर रहे हैं इसका वैल्यू एडिशन कर रहे हैं। 4 हजार प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता खरीद रहे हैं, तो आर्थिक रूप से बड़ा संपन्न बना रहे हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   1 Nov 2022 8:30 PM IST