जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर गृह मंत्रालय ने बढ़ाया कदम, अगले साल हो सकते हैं चुनाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की आहट सुनाई देने लगी है। इस मामले में गृह मंत्रालय भी अपनी तरफ से तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। मगर इस साल चुनाव होने की संभावना बेहद कम है।गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो अगले साल जम्मू कश्मीर में चुनाव कराए जा सकते हैं। वहीं जानकारी के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह भी सितंबर के अंत में जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं।
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। चुनाव आयोग मतदाता सूची को लेकर अपने काम में जुटा हुआ है, तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी चुनाव करवाने को लेकर एक कदम आगे बढ़ाते हुए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है।
ऐसे में माना जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो अगले साल जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगले साल मार्च या अप्रैल के महीने चुनाव करवाने के लिए ज्यादा उपयुक्त होंगे।जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब करवाना है ये चुनाव आयोग को तय करना है, लेकिन ये तभी हो सकता है जब केंद्रीय गृह मंत्रालय घाटी में सुरक्षा और मौजूदा परिस्थितियों को लेकर हरी झंडी दे दे।
सूत्रों ने बताया कि यही वजह है गृह मंत्रालय के अधिकारी जम्मू कश्मीर के हालातों को लेकर एक रिपोर्ट भी तैयार करने में जुटे हैं। आने वाले समय में गृह मंत्रालय चुनावों को लेकर एक सर्वदलीय बैठक भी बुला सकता है, जिसमें राजनीतिक दलों से सुझाव लिए जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही चुनावों को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।वहीं दूसरी तरफ गृह मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर को लेकर मंत्रालय लगातार बैठकें कर रहा है। अमित शाह ने भी पिछले दिनों सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी।
इस बैठक में जम्मू कश्मीर के चुनावों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों से अनुकूल वातावरण तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, जम्मू कश्मीर में इन दिनों घुसपैठ और टारगेट किलिंग की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में चुनावों को लेकर आतंकी संगठन अपना ज्यादा असर ना डाल पाएं, इसकी तैयारी भी सुरक्षा बलों और एजेंसियों द्वारा शुरू कर दी गई है।
वहीं गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में चुनाव अगले साल मार्च अप्रैल से पहले होना थोड़ा मुश्किल है। इसके पीछे की वजह घाटी में 40-50 दिनों तक पड़ने वाली कड़ाके की ठंड बताई जा रही है। इस दौरान वहां चुनाव कराना संभव नहीं है। इसके अलावा गृह मंत्रालय को मौजूदा हालात को और बेहतर बनाने के लिए भी समय की जरूरत है। स्थानीय नेताओं की सुरक्षा पुख्ता करने को लेकर भी गृह मंत्रालय की तैयारी चल रही है, क्योंकि कुछ महीनों पहले आतंकियों द्वारा वहां कई स्थानीय नेताओं को शिकार बनाया गया था।
जम्मू-कश्मीर में चुनावों की सुगबुगाहट इसलिए भी सुनाई देने लगी है, क्योंकि पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर भाजपा कोर ग्रुप की एक बैठक दिल्ली में की थी। इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत राज्य भाजपा के सभी बड़े नेता मौजूद थे।
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में अमित शाह ने भाजपा नेताओं से चुनाव के लिए तैयार रहने और संगठन को जम्मू के अलावा कश्मीर में भी बढ़ाने की बात कही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि घाटी में चुनाव की घोषणा जल्द की जा सकती है।गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को जम्मू कश्मीर में नवंबर अंत तक फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित करने की तारीख दी है। इसके बाद चुनाव करवाने के लिए कदम आगे बढ़ाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद इसे जम्मू-कश्मीर और लददाख नाम के दो केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया गया था। इनमें से जम्मू-कश्मीर में दिल्ली और पुडुच्चेरी की तरह विधानसभा बनाए जाने का भी प्रस्ताव रखा गया था। तभी से यहां के लोगों को चुनाव होने का इंतजार है।
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Created On :   3 Sept 2022 2:30 PM IST