जिस कौम ने देश की आजादी के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया वो देशद्रोही कैसे हो सकते हैं

How can the community which sacrificed the most for the countrys independence be anti-national: Arshad Madani
जिस कौम ने देश की आजादी के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया वो देशद्रोही कैसे हो सकते हैं
अरशद मदनी जिस कौम ने देश की आजादी के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया वो देशद्रोही कैसे हो सकते हैं
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  • जिस कौम ने देश की आजादी के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया वो देशद्रोही कैसे हो सकते हैं: अरशद मदनी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जमीअत उलमा-ए-हिन्द अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान कहा कि, जिस कौम ने देश की आजादी के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया वो देशद्रोही कैसे हो सकते हैं? भारत की आजादी का आंदोलन उलमा और मुसलमानों ने शुरू किया और भारत में अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले बगावत का झण्डा उलमा ही ने उठाया था।

उन्होंने कहा कि, हमारे बड़े हिंदू मुस्लिम एकता के रास्ते पर आगे बढ़े और देश को अंग्रेजों की गु़लामी से आजाद कराया, दुर्भाग्य देश आजाद हो गया और विभाजन भी हो गया। यह विभाजन तबाही और बर्बादी का कारण बन गया है, यह किसी एक विशेष समुदाय के लिए नहीं बल्कि हिंदूओं और मुसलमानों सब के लिए है।

मौलाना मदनी ने चीन के मसले पर बोलते हुए कहा, यदि विभाजन ना हुआ होता और यह तीनों देश संयुक्त होते तो आज यह स्थिति बिलकुल ऐसी ना हुई होती कि चीन हमारे सर पर खड़ा हुआ है भारत के अंदर घुसपैठ कर रहा है और सरकार खामोश है।

उन्होंने इस बात पर भी दुख प्रकट करते हुए कहा कि, जिस कौम ने सबसे पहले वतन की आजादी का नारा दिया आज उसी कौम को देशद्रोही कहा जाता है, पूरे देश में मुसलमानों की यह तस्वीर बना दी गई है, जिनके बड़ों ने देश की आजादी के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया आज उनकी औलाद देशद्रोही कैसे हो सकती है?

 

(आईएएनएस )

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Created On :   18 Aug 2022 12:30 AM IST

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