किस मजबूरी का शिकार हैं नीतीश कुमार, पीएम पद के दावेदार के लिए कह रहे बड़ी बात

Is Nitish Kumar planning to become PM  by stay behind the scenes
किस मजबूरी का शिकार हैं नीतीश कुमार, पीएम पद के दावेदार के लिए कह रहे बड़ी बात
'बिहार में का बा' किस मजबूरी का शिकार हैं नीतीश कुमार, पीएम पद के दावेदार के लिए कह रहे बड़ी बात
हाईलाइट
  • पीएम मटेरियल बताने पर आरजेडी ने ली नीतीश कुमार की चुटकी
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीएम मटेरियल बताया
  • सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपने शीर्ष नेता को मानते हैं पीएम मटेरियल : बीजेपी

डिजिटल डेस्क,पटना। जेडीयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीएम मैटेरियल बताया, लेकिन नीतीश कुमार ने इसे सिरे से नकार दिया और कहा कि उन्हें इन चीजों में दिलचस्पी नहीं है, ना कोई रूचि है। वह सिर्फ अपना काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि उनकी ऐसी कोई महत्त्वकांक्षा नहीं है।

जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करना चाहते हैं नीतीश

जनता दल यूनाइटेड अब पूरे देश में अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहती है। जेडीयू इस कोशिश में लगी हुई  है कि अब बिहार से बाहर निकलकर देशभर में अपनी स्थिति को मजबूत किया जाए।इसीलिए जेडीयू दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरी थी। इन राज्यों के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू ने अपने उम्मीदवार उतारे लेकिन जेडीयू का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। अब 2022 में देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनाव में जेडीयू  मणिपुर में अकेले और उत्तर प्रदेश में गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। जेडीयू का फोकस छोटे राज्यों में अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने पर है।

किसी भी रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय स्तर की मान्यता उसी वक्त दी जाती है जब देश के तीन अलग-अलग राज्यों में लोकसभा की कुल सीटों में कम से कम 2 प्रतिशत सांसद हो। इसके अलावा कोई भी रजिस्टर्ड पार्टी चार अलग-अलग राज्यों में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 6 प्रतिशत वोट हासिल कर चुकी हो और लोकसभा में कम से कम 4 सीटें हासिल की हो या फिर किसी भी दल को कम से कम चार राज्य या उससे अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल की मान्यता मिली हुई हो। ऐसी पार्टियों को राष्ट्रीय स्तर की मान्यता चुनाव आयोग की ओर से दी जाती है।


तीसरे मोर्चे का प्रस्ताव और पीएम मैटेरियल नीतीश

हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में 18 विरोधी दल के नेताओं की केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए बैठक हुई थी। इस बैठक के पहले राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर तीसरे मोर्चे की गठन का स्वागत किया था और  इधर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री मैटेरियल बताकर बिहार के साथ-साथ देश की राजनीति को भी गर्म कर दिया है। बता दे कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने अभी से ही मोदी सरकार के खिलाफ तैयारियां शुरू कर दी है। ऐसे में किस योजना के तहत नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल घोषित किया जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का मानना है कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण मौजूद हैं।

बिहार में पहली बार बीजेपी के छोटे भाई की भूमिका में नजर आए नीतीश कुमार 

बिहार में 2005 से नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की सरकार चल रही है। 2005 विधानसभा चुनाव और 2010 के चुनाव में बीजेपी से अधिक सीटें लाकर जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में थी। इसके बाद  2015 में नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर चुनाव लड़े और बिहार में दूसरे नंबर की पार्टी बन गए। 2015 में आरजेडी को 80 तो जेडीयू को 71 सीटें मिली थी, लेकिन लालू प्रसाद यादव के साथ नीतीश कुमार का यह गठबंधन 2 साल में ही टूट गया और जेडीयू वापस बीजेपी के साथ गठबंधन कर सत्ता पर काबिज हो गई।

लेकिन 2020 विधानसभा चुनाव में जेडीयू महज 43 सीटों पर ही सिमट गयी और बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन कर रह गई। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही है लेकिन अब 74 सीट के साथ बड़े भाई की भूमिका में बीजेपी है। तो ऐसे में कयास लगाये जा रहे है कि क्या नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताकर जेडीयू बीजेपी को कोई मैसेज देना चाहती है और क्या पर्दे के पीछे से नीतीश कुमार अपने नेता और कार्यकर्ताओं से बीजेपी को यह संदेश दे रहे हैं कि उन्हें हल्के में ना लिया जाए।

70 साल के हैं नीतीश कुमार 

1 मार्च 1951 को जन्म लेने वाले नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव पीएम पद के उम्मीदवार होंगे या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन जानकारों का मानना है कि जातीय जनगणना और जनसंख्या कानून को लेकर बीजेपी से अलग मत रखने वाली जेडीयू इन मुद्दों पर अपनी बात मनवाने के लिए बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। 2017 में महागठबंधन छोड़ फिर से एनडीए में शामिल हुए नीतीश कुमार ने 2019 लोकसभा चुनाव के पहले यह कहा था कि लोकसभा चुनाव में मोदी को कोई नहीं हरा सकता। उस वक्त भी जेडीयू के कुछ नेताओं की ओर से नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया गया था। 

सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपने शीर्ष नेता को मानते हैं पीएम मैटेरियल : बीजेपी

जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक और राजनीतिक प्रस्ताव के विषय पर बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने कहा की यह जेडीयू की बैठक थी और कोई भी राजनीतिक प्रस्ताव पास करना किसी भी पार्टी का अंदरूनी मामला होता है। नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताने पर बीजेपी ने कहा है की सभी राजनितिक पार्टी अपने शीर्ष स्तर के नेता को प्रधानमंत्री योग्य मानते है .

पीएम मैटेरियल बताने पर आरजेडी ने ली नीतीश कुमार की चुटकी  

जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताने के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने चुटकी ली है। आरजेडी के नेता और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जनता ने जेडीयू को तीन नंबर की पार्टी बनाकर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने लायक नहीं छोड़ा था और अब ख्वाब देख रहे हैं प्रधानमंत्री बनने के। मृत्युंजय तिवारी का मानना है की नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी पर खतरा नजर आ रहा है।


 

Created On :   31 Aug 2021 9:46 AM GMT

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