गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम कर चुके हैं कमलनाथ 

कांग्रेस के सबसे भरोसेमंद नेता गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम कर चुके हैं कमलनाथ 
हाईलाइट
  • कांग्रेस सरकार में कई बार रह चुके हैं मंत्री
  • संजय के साथ कमलानाथ ने 7 दिन तक काटा था तिहाड़ जेल
  • संजय गांधी के लिए जज से लड़ गए थे कमलनाथ

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ का आज यानी 18 नवंबर को जन्मदिन है। कमलानाथ ने देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल से पढ़ाई की और यहीं उनकी दोस्ती पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी से हुई थी। कमलनाथ ने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों इंदिरा गांधी, संजय-राजीव गांधी-सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम किया है।

जानें कमलनाथ की अनसुनी कहानी!

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बारे में एक किस्सा बहुत मशहूर हुआ था। जब आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट  ने तिहाड़ जेल भेज दिया था। तब इंदिरा गांधी की चिंता संजय की सुरक्षा को लेकर बढ़ गई थी। माना जाता है कि तब कमलनाथ जानबूझकर एक जज से लड़ गए थे। जज ने उन्हें भी अवमानना के आरोप में 7 दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया, जहां वे संजय गांधी के साथ रहे। इन वजहों से वे इंदिरा गांधी की गुड बुक्स में आ गए थे। 

जब कमलनाथ सीएम बनते चूक गए थे

आपको बता दें कि कानपुर में जन्में कमलनाथ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से 9 बार सांसद रहे हैं। वे साल 1980,1985, 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में सांसद बने। 1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी। बताया जाता है कि तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था, इसलिए तब कमलनाथ मप्र के सीएम बनने से चूक गए थे। 

कई बार रह चुके हैं मंत्री 

आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार में कमलनाथ कई बार मंत्री रह चुके हैं। कमलनाथ साल 1991 में राज्य पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 1995-1996 टेक्सटाइल मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री रहे। उन्होंने 2001-2004 तक कांग्रेस के महासचिव का पद संभाला। वे 2004-2009 तक यूपीए सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहे। 2009 में कमलनाथ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बने। 2011 में उन्हें शहरी विकास मंत्री बनाए गए। 2012 में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। 

सिख दंगों में आया था कमलनाथ का नाम

गौरतलब है कि1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगों में उनका नाम भी आया था लेकिन उनकी भूमिका सज्जन कुमार या जगदीश टाइटलर जैसे नेताओं की तरह स्पष्ट नहीं हो सकी। कमलनाथ पर आरोप है कि वे एक नवंबर, 1984 को नई दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज में उस वक्त मौजूद थे जब भीड़ ने दो सिखों को जिंदा जला दिया था। खास बात ये है कि कमलनाथ ने हादसे के वक्त वहां अपनी मौजूदगी से कभी इनकार नहीं किया है। उन्होंने कई बार मीडिया के सामने ये दोहराया है, मैं वहां मौजूद था क्योंकि मेरी पार्टी ने मुझे वहां पहुंचने को कहा था, गुरुद्वारे के बाहर भीड़ मौजूद थी, मैं उन्हें हमला करने से रोक रहा था। पुलिस ने भी मुझसे भीड़ को नियंत्रित करने की गुजारिश की थी।

कमलनाथ पर नहीं लगे भ्रष्टाचार के आरोप

बता दें कि अगर साल 1984 के सिख दंगों और साल 1996 के हवाला कांड को अगर अपवाद मान लें तो सालों साल तक अहम मंत्रालयों के मंत्री रहने के बाद भी कमलनाथ का नाम किसी विवादों में नहीं आया है और ना ही उन पर भ्रष्टाचार के कोई दूसरे संगीन आरोप लगे हैं।

राजनेता के साथ बिजनेस मैन भी हैं कमलनाथ 

आपको बता दें कि कमलनाथ का परिवार काफी बड़ा बिजनेस चलाता है। उनके परिवार के सदस्य कुल 23 बड़ी कंपनियों के मालिक या डायरेक्टर हैं। खुद कमलनाथ के बारे में कहा जाता है कि बड़े कारोबारियों से उनके रिश्ते काफी अच्छे हैं। इन 23 कंपनियों के मालिक में उनका नाम नहीं है, लेकिन बेटों और पत्नी का नाम है। इन कंपनियों की बदौलत उनके परिवार की संपत्ति करोड़ों में है।

Created On :   17 Nov 2021 6:24 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story