सरकार ने दलित बच्चे को लिया गोद
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक के मियापुर गांव के मारुति मंदिर में प्रवेश करने पर एक दलित बच्चे और उसके परिवार का बहिष्कार किया गया था। साथ ही परिवार पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इस मामले को कर्नाटक सरकार ने गंभीरता से लिया और बच्चे को गोद लेने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक, चार साल के बच्चे की पढ़ाई का पूरा खर्च अब कर्नाटक सरकार उठाएगी। समाज कल्याण मंत्री श्रीनिवास पुजारी ने बताया, राज्य सरकार ने लड़के को पहली से पांचवीं कक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला दिलाने का प्रबंध किया है। छठी से दसवीं कक्षा तक उन्हें मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालय में सीधे प्रवेश दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि समाज कल्याण विभाग बच्चे की पसंद के ग्रेजुएशन कोर्स में मदद करेगा। अगर वह एमबीबीएस जैसे प्रोफेशनल कोर्स करना चाहता हैं, तो इसमें भी दलित बच्चे की मदद की जाएगी।
कोप्पल के उपायुक्त सुरलकर विकास किशोर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सरकार ने लड़के के नाम पर ं विनय सामरस्य योजना शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च जाति और दलितों के बीच की खाई को खत्म करना चाहती है।
इसके अलावा, सरकार लड़के के पिता दसर को 1 लाख रुपये का कर्ज भी देगी। आपको बता दें कि कोप्पल जिले के मियापुर गांव, जहां यह घटना हुई थी, वहां 1,000 घर हैं। इनमें से 970 गनिगा लिंगायत समुदाय के लोगों के घर हैं, जबकि 25 परिवार अनुसूचित जाति के हैं और पांच वाल्मीकि समुदाय के घर हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   15 April 2022 7:02 PM IST