महाराष्ट्र के मंत्री की सुप्रीम कोर्ट से अपील, एनसीबी के जबरन वसूली रैकेट की जांच हो

Maharashtra minister appeals to the Supreme Court to investigate the extortion racket of NCB
महाराष्ट्र के मंत्री की सुप्रीम कोर्ट से अपील, एनसीबी के जबरन वसूली रैकेट की जांच हो
महाराष्ट्र महाराष्ट्र के मंत्री की सुप्रीम कोर्ट से अपील, एनसीबी के जबरन वसूली रैकेट की जांच हो

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के एक मंत्री ने पिछले अक्टूबर में एक क्रूज जहाज पर कथित रेव पार्टी पर छापेमारी की सनसनीखेज घटना पर सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने और इसकी जांच शुरू करने की अपील की है। उन्होंने कहा है पिछले कुछ वर्षो में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा जबरन वसूली और फर्जी छापेमारी की गई।

प्रमुख किसान नेता और वसंतराव नाइक शेट्टी स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी राज्यमंत्री हैं। उन्होंने बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और अन्य को एनसीबी द्वारा छापे में पकड़े और बाद में छोड़े जाने के मामले की जांच के लिए एक जनहित याचिका दायर की है। कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी की कमान मुंबई के तत्कालीन क्षेत्रीय एनसीबी निदेशक समीर वानखेड़े ने संभाली थी।

तिवारी ने अपनी याचिका में कहा, माननीय सुप्रीम कोर्ट को मुंबई में एनसीबी की दुर्भावनापूर्ण कार्यशैली, दृष्टिकोण और संबंधित मामलों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच करनी चाहिए। इसके अधिकारी पिछले दो वर्षो से फिल्म सेलिब्रिटी और कुछ मॉडलों को निशाना बना रहे हैं और अब एनसीबी द्वारा आर्यन खान को पूर्ण क्लीनचिट दे दी गई है।

तिवारी की शीर्ष अदालत से यह दूसरी ऐसी अपील है, जिसमें इस बात पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई है कि एनसीबी द्वारा कैसे आर्यन खान और अन्य को सॉफ्ट टारगेट बनाने की शर्मनाक घटना हुई और उनके मौलिक अधिकार का हनन किया गया। तिवारी ने पहली अपील 18 अक्टूबर, 2021 को दायर की थी।

जनहित याचिका में कहा गया है, अब, जैसा कि एनसीबी ने ही उन निर्दोष लोगों को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी है, जिन्हें पहले पद का दुरुपयोग करके झूठे मामले में फंसाया गया था .. एनसीबी द्वारा शक्तियों और अधिकार के दुरुपयोग की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं देश के कानून का पालन करने वाले नागरिकों के लिए गंभीर चिंता के विषय हैं ..।

तिवारी ने आगे तर्क दिया कि एनसीबी जैसी भारत की कानून प्रवर्तन एजेंसियों में जनता की आस्था और विश्वास की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप जरूरी है।

उन्होंने दावा किया कि हाल के दिनों में एनसीबी के अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और एनडीपीएस अधिनियम के तहत आरोपी आर्यन खान या अन्य लोगों को बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें अवैध रूप से सलाखों के पीछे डाल दिया और भारी सार्वजनिक अपमान का शिकार बनाया।

वानखेड़े का जिक्र करते हुए कि उन्हें पद से हटा दिया गया था, उनके खिलाफ राज्य के मंत्री नवाब मलिक सहित विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न मामलों में गंभीर आरोप लगाए गए थे - बॉलीवुड में ड्रग्स के गढ़ को उखाड़ने के नाम पर चुनिंदा और प्रतिशोधी रूप से आर्यन खान जैसे अमीर व्यक्तियों या मशहूर हस्तियों को निशाना बनाया गया।

तिवारी ने कहा कि अब आर्यन खान और अन्य को पूरी तरह से क्लीन चिट दिए जाने से स्पष्ट है कि यह सत्ता और अधिकार के दुरुपयोग का एक बड़ा खेल था। अधिकारियों पर जबरन वसूली का आरोप भी लगा था। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 139/142 के तहत इन मामलों की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वतंत्र रूप से जांच की जानी चाहिए।

एनसीबी ने इन शिकायतों पर ध्यान दिया था और वानखेड़े को जबरन वसूली रैकेट चलाने और आय से अधिक संपत्ति रखने पर मूल विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था।तिवारी की जनहित याचिका तब भी आई है, जब वानखेड़े का चेन्नई तबादला कर दिया गया। पिछले सप्ताह एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल एनसीबी की चार्जशीट से कई और खुलासे सामने आए।

 

 

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Created On :   1 Jun 2022 8:30 PM IST

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