लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर, अबु आजमी ने कहा, इस कानून को वे लोग ला रहे हैं, जिनके बच्चे नहीं

On raising the age of marriage for girls, Abu Azmi said, people who do not have children are bringing this law
लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर, अबु आजमी ने कहा, इस कानून को वे लोग ला रहे हैं, जिनके बच्चे नहीं
सपा नेता का हमला लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर, अबु आजमी ने कहा, इस कानून को वे लोग ला रहे हैं, जिनके बच्चे नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 किए जाने के प्रस्ताव को समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने जनसंख्या नियंत्रण की कोशिश से जोड़ दिया है। जिसको लेकर राजनीति गरमा गई है। आपको बता दें कि अबु आजमी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि इस कानून को वे लोग ला रहे हैं, जिनके अपने बच्चें नहीं हैं। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा पीएम नरेंद्र मोदी की ओर था। 

जिनके बच्चें हैं उनकी राय लेनी चाहिए

आपको बता दें कि सपा  नेता अबु आजमी ने न्यूज 18 समाचार चैनल से बातचीत में इस प्रस्ताव को लेकर कहा कि जिनके लड़के-लड़की नहीं है, उन्हें इसके बारे में क्या पता। उन्होंने कहा कि कानून बनाने में उन लोगों की राय लेनी चाहिए, जिनके बच्चे हैं। गांवों और आदिवासी इलाकों के लोगों से पूछना चाहिए।

एंकर ने जब उनसे पूछा कि वह किसके लिए ऐसा कह रहे हैं कि जिसके बच्चे नहीं है, इसके जवाब में पहले तो आजमी ने कहा कि ऐसे बहुत से लोग हैं, लेकिन फिर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, समझने वाले समझ गए, जो ना समझे वो अनाड़ी हैं।

अबु आजमी में सरकार घेरा

बता दें कि समाचार चैनल से बातचीत के दौरान सपा नेता अबु आजमी ने केंद्र सरकार को घेरा, उन्होंने कहा कि बच्चों की भलाई मां-बाप अच्छी तरह जानते हैं, सरकार क्या भलाई करेगी। मां-बाप को महसूस होगा कि बच्चे बड़े हो गए हैं, अब शादी हो जानी चाहिए, मेरी बच्ची बड़ी हो गई है, अगर शादी नहीं होगी तो बच्ची गलत रास्ते पर जा सकती है। अभी शादी मिल गई है, आगे शादी ना मिले, लड़के वाले रुकने को तैयार ना हों, तो क्या ऐसी स्थिति में सरकार जिम्मेदारी लेगी, यह बिल्कुल गलत है।

सरकार जनसंख्या नियंत्रण की कोशिश में 

बता दें कि अबु आजमी ने कहा कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए इस तरह का कानून बनाना चाहती है। उन्होंने कही कि सरकार को जनसंख्या बढ़ाने या घटाने की देश के विकास पर ध्यान देना चाहिए। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य फिरंगी महली ने भी कहा है कि लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाना स्वीकार्य नहीं है।

जानें सरकार की योजना

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से महिलाओं की विवाह की उम्र मौजूदा 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि महिलाओं में कुपोषण की समस्या को देखते हुए सरकार इस योजना पर काम कर रही है कि उनका विवाह सही उम्र में हो। आपको बता दें कि अभी तक देश में पुरूषों की शादी की उम्र 21 वर्ष थी जबकि महिलाओं की 18 साल थी।

Created On :   16 Dec 2021 5:30 PM GMT

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