सेना भर्ती में अग्निपथ योजना का बिहार के कई स्थानों पर विरोध
- सड़क पर उतरे छात्र
डिजिटल डेस्क, पटना। केंद्र सरकार की युवाओं के सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का बिहार में विरोध प्रारंभ हो गया। मुजफ्फरपुर और बेगूसराय में छात्र विरोध में सड़क पर उतरे और हंगामा किया। बक्सर में भी छात्रों द्वारा रेलवे ट्रैक जाम कर प्रदर्शन किया गया। इस बीच, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
मुजफ्फरपुर में बुधवार को सड़क पर उतरे कुछ छात्र पहले से जारी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग कर रहे जबकि कई अग्निपथ योजना को लेकर हंगामा किया।
मुजफ्फरपुर में सेना भर्ती बोर्ड के पास हंगामा कर रहे युवाओं को प्रशासन ने भगा दिया। इसके बाद गुस्साए अभ्यर्थी चक्कर चौक पर पहुंचे और वहां सड़क पर टायर जलाकर यातायात बाधित कर दिया। यहां से निकलने के बाद सभी भगवानपुर चौक पहुंचे और वहां हंगामा शुरू कर दिया।
पुलिस उपाधीक्षक मनोज पांडेय ने बताया सेना भर्ती मामले को लेकर कुछ छात्र सड़क पर उतर हंगामा कर रहे थे। सभी छात्रों को हटा दिया गया है तथा यातायात बहाल कर दिया गया।
इधर, बक्सर में भी अग्निपथ योजना के विरोध में छात्र रेलवे पटरी पर उतर हंगामा किया, लेकिन पुलिस उन्हे भगा दी। युवाओं ने कहा कि 4 साल के लिए भर्ती किया जाना रोजगार के अधिकार का हनन करना है।
सेना भर्ती नई योजना का विरोध बेगूसराय में भी देखने को मिला। यहां भी छात्रों ने महादेव चौक पर नेशनल हाइवे-31 को जाम कर दिया। वे अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग है कि पुरानी भर्ती प्रक्रिया ही शुरू की जाए और उम्र में दो साल की छूट मिले।
युवाओं का कहना है कि चार साल पूरे होने के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन शेष के 75 फीसदी अग्निवीरों का क्या होगा? सरकार की तरफ से उन्हें 12 लाख रुपए सेवा निधि मिलेगी लेकिन क्या ये जीवन गुजारने के लिए काफी है।
इधर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी अग्निपथ योजना को लेकर सरकार को घेरा है। तेजस्वी ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि सरकारी नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा के तहत संविधान प्रदत्त आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है। इसमें संविधान की कहीं कोई बाध्यता नहीं है इसलिए ठेके की नियुक्तियों में आरक्षण भी लागू नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अगर देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं भारतीय रेलवे व भारतीय सेना में भी नौकरियां ठेके एवं सिविल सेवा में लेटरल एंट्री के नाम पर दी जाने लगेंगी तो देश के शिक्षित युवा क्या करेंगे?
राजद नेता ने आगे सवाल करते हुए कहा कि 18 वर्ष की उम्र में संविदा पर नौकरी पाकर 22 वर्ष की आयु में युवा रिटायर हो जाएंगे? इससे उनकी शिक्षा प्रभावित होगी। इस सेवा में 4 साल कार्यरत रहने और 22 वर्ष की उम्र में जबरन सेवानिवृत्ति के बाद क्या वो दुबारा पढ़ाई कर पाएंगे?
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को रेलवे, सेना और देश की सुरक्षा को तो कम से कम बाजारवादी नीतियों से अछूता रखना चाहिए। देश पर खतरा लगातार बढ़ रहा है लेकिन मोदी सरकार इससे बेफिक्र हो अग्निपथ योजना के तहत सुरक्षा, पेंशन, स्थायी सैनिकों के भत्ते और रक्षा बजट कम करने के बहाने ढूंढ़ रही है।
सोर्स- आईएएनएस
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Created On :   15 Jun 2022 9:00 PM IST