बैक-डोर नियुक्तियों को लेकर विपक्ष ने केरल विधानसभा से किया वाकआउट

Opposition walks out of Kerala assembly over back-door appointments
बैक-डोर नियुक्तियों को लेकर विपक्ष ने केरल विधानसभा से किया वाकआउट
केरल बैक-डोर नियुक्तियों को लेकर विपक्ष ने केरल विधानसभा से किया वाकआउट

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा की विशेष बैठक का पहला दिन सोमवार को उस समय जल्दी खत्म हो गया, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने पिछले दरवाजे से विभिन्न नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के असंतोषजनक जवाब पर सदन से वॉकआउट किया।

हालांकि सदन में एक घंटे का प्रश्नकाल बिना किसी घटना के चला, परेशानी तब शुरू हुई जब कांग्रेस विधायक पी.सी.विष्णुनाथ ने 2016 से विजयन सरकार द्वारा की गई बैक-डोर नियुक्तियों पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव के लिए अनुमति मांगी।

पिछले महीने, पिछले दरवाजे के माध्यम से नौकरियों के विस्तार का मुद्दा बड़े पैमाने पर सामने आया, जब सीपीआई-एम तिरुवनंतपुरम के मेयर आर्य राजेंद्रन का एक पत्र सार्वजनिक रूप से सामने आया, जिसमें उन्होंने जिला सचिव अनवूर नागप्पन से संभावित नौकरी चाहने वालों की निगम में 295 अस्थाई पद की सूची के लिए अनुरोध किया था।

विष्णुनाथ ने कहा, विजयन सरकार द्वारा पिछले दरवाजे से की जा रही नौकरियों की सूची में कुत्ते पकड़ने वालों के पदों से लेकर पार्टी नेताओं के अनुशंसा पत्र लेकर आए कुलपतियों तक शामिल हैं। लोक सेवा आयोग और रोजगार कार्यालयों को महज तमाशबीन छोड़कर कुल 1.90 लाख बैक डोर नौकरियां दी गई हैं।

अपने जवाब में स्थानीय स्वशासन राज्य मंत्री एम.बी. राजेश ने विपक्ष द्वारा लगाए गए नियमित निराधार आरोपों को खारिज कर दिया। यह लोगों के मन में भ्रम पैदा करने की कांग्रेस नीत विपक्ष की चाल है, जिसकी लंबे समय से योजना बन रही है। निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। महापौर ने खुद इस तरह का पत्र लिखने से इनकार किया है और तथाकथित प्राप्तकर्ता, जैसा कि इस विवाद को खड़ा करने वालों ने आरोप लगाया है, उनका कहना है कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है।

राजेश ने तब विपक्ष को निशाने पर लिया जब उन्होंने बताया कि उनके शासन (2011-16) के दौरान, विष्णुनाथ सहित उनके नेताओं द्वारा लिखे गए कई अनुशंसा पत्र सत्तारूढ़ दल के कब्जे में हैं।जवाब से नाखुश विपक्ष के नेता वी.डी.सतीसन फिर उठे और आरोप लगाया कि सीपीआई (एम) की अपनी भर्ती वाली एजेंसी है, जो इन बैक डोर प्रविष्टियों को वास्तविकता बनाने में लगी हुई है।इस बयान के कारण मौखिक द्वंद्व हुआ और जब कुछ मंत्री जवाब देने के लिए उठे, तो सतीसन नहीं माने, जिसके परिणामस्वरूप कोषागार और विपक्षी विधायकों के बीच वाकयुद्ध हुआ।

 

 

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Created On :   5 Dec 2022 6:30 PM IST

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