केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पशुपति पहुंचे हाजीपुर, करना पड़ा विरोध का सामना

Bihar: Pashupati reached Hajipur for the first time after becoming a Union Minister, had to face opposition
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पशुपति पहुंचे हाजीपुर, करना पड़ा विरोध का सामना
पशुपति का विरोध केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पशुपति पहुंचे हाजीपुर, करना पड़ा विरोध का सामना
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  • बिहार: केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पशुपति पहुंचे हाजीपुर
  • करना पड़ा विरोध का सामना

डिजिटल डेस्क, हाजीपुर। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के हाजीपुर के सांसद पशुपति पारस केंद्र में मंत्री बनने के बाद सोमवार को पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे, जहां उनका स्वागत हुआ और विरोध का सामना भी करना पड़ा। इस क्रम में केंद्रीय मंत्री पर स्याही फेंकने की भी कोशिश हुई, लेकिन स्याही उन तक नहीं पहुंचकर कार्यकर्ताओं तक पहुंची।

पारस केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार बिहार पहुंचे। पटना हवाई अड्डे पर उतरने के बाद उनका भव्य स्वागत किया गया। पटना हवाई अड्डे के बाद उनका काफिला शेखपुरा रोड होते हुए हाजीपुर के लिए रवाना हो गया। इस दौरान कई स्थानों पर उनका कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया।

पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की अपार संभवनाओं को देते हुए कई तरह के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हाजीपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर में केला और लीची की खेती को देखते हुए रोड मैप बनाकर यूनिट खेालने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हाजीपुर और मुजफ्फरपुर के बीच एक विश्वविद्यालय भी खोला जाएगा।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री का काफिला हाजीपुर पहुंचा। हाजीपुर पहुंचने के पहले कई जगहों पर उनका स्वागत हुआ, लेकिन चौरसिया चौक पहुंचने पर विरोध का सामना करना पड़ा। मंत्री के काफिले को कुछ लोगों ने काले झंडे दिखाए तथा एक शख्स ने मंत्री पारस पर स्याही फेंकने की भी कोशिश की। हालांकि स्याही पारस तक नहीं पहुंची। पारस के आसपास खड़े कई कार्यकर्ताओं पर स्याही जा गिरी।

कहा जा रहा है कि हाजीपुर नहीं आने के कारण यहां के लोगों में अपने सांसद के प्रति नााराजगी है। इसके बाद पत्रकारों ने जब केंद्रीय मंत्री से इस संबंध में सवाल किया, तब उन्होंने कहा कि उनके दो भाई हमसब को छोड़कर चले गए, जिस कारण आने में देरी हुई। उल्लेखनीय है कि पारस के केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होने के बाद लोजपा पार्टी दो धड़ों में बंट गई। एक गुट पशुपति पारस के साथ है, जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व जमुई के सांसद और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान कर रहे हैं। चिराग व पशुपति दोनों ही लोजपा पर अपना अधिकार जता रहे हैं।

 

आईएएनएस

Created On :   23 Aug 2021 2:00 PM GMT

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