जलशक्ति मंत्रालय और उससे जुड़े विभागों में प्लास्टिक पर बैन

Plastic ban in the Ministry of Jalshakti and its related departments
जलशक्ति मंत्रालय और उससे जुड़े विभागों में प्लास्टिक पर बैन
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह जलशक्ति मंत्रालय और उससे जुड़े विभागों में प्लास्टिक पर बैन

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। जलशक्ति मंत्रालय और उनसे जुड़े विभागों में अब प्लास्टिक पूरी तरह से बैन होगा। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बुधवार को जल निगम मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक में बड़ा फैसला लिया। लघु सिंचाई की योजनाओं की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि आज से विभाग के कार्यक्रमों, बैठकों और कार्यालयों में प्लास्टिक के ग्लास, प्लास्टिक की बोतल, पॉलिथीन और प्लास्टिक प्लेट जैसी सामग्री का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसकी जगह कुल्हड़, पत्तल और कागज की प्लेटों का उपयोग करने के निर्देश जलशक्ति मंत्री ने दिये।

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि विभाग में प्लास्टिक का उपयोग पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। किसी भी दिन उनकी ओर से किसी भी दफ्तर का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। बैठक में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश के बाद राज्य में जल शक्ति मंत्रालय के नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति, भूगर्भ जल, लघु सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, परती भूमि विकास विभाग और सिंचाई विभागों के कार्यालयों, बैठकों और आयोजनों में प्लास्टिक पूरी तरह से बैन हो जाएगा। यहां प्लास्टिक का उपयोग पाए जाने पर कठोर कारवाई की जाएगी।

जल शक्ति मंत्री ने लघु सिंचाई विभाग की ओर से तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना की तारीफ की और अधिकारियों से सभी 75 जिलों में 4-4 तालाबों को मॉडल बनाकर उनका नाम अमृत सरोवर रखने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कुंओं और तालाबों से पानी मिलता है इनको सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा। जलशक्ति मंत्री ने सभी जिलों के एक-एक तालाब को टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव बनाए जाने के निर्देश दिये।

समीक्षा बैठक के दौरान जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने चेतावनी दी कि विभाग के अधिकारी ठेकों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल पाए गये तो उनके खिलाफ कठोर कारवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि जितने भी काम हो रहे हैं उनकी क्वालिटी से समझौता नहीं करेंगे। कड़ाई से मानकों का पालन करेंगे। रिश्तेदारों और परिचितों को काम का ठेका देने का मामला सामने आया तो कठोर कार्यवाही करेंगे। उन्होंने कार्यालयों में अनुशासन, संस्कार के साथ-साथ स्वच्छता बनाए रखने के भी निर्देश दिये।

जलशक्ति मंत्री ने रूफ टॉप रेन वॉटर हारवेस्टिंग प्लांटों को राज्य के सभी प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में, सभी इंटर कॉलेजों, डिग्री कॉलेजों, तकनीकी कॉलेजों में लगाने को कहा। उन्होंने इसके लिए सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखें ओर उनसे अपने जिले में इनको विभाग की योजना से लगवाने का आग्रह करें।

सभी 75 जिलों में एक-एक व्यक्ति के नाम का चयन करें जहां रेन वॉटर हारवेस्टिंग प्लांट लगे हैं और वो उसको मैनटेन कर रहे हैं उनको पुरस्कार दियें जाएंगे। भूजल जनजागरूकता और प्रचार प्रसार के लिए समाज के लोगों को जोड़ने, गोष्ठियों का आयोजन करने पर जोर दिया। जिन शहरों में जल स्त्रोत खतरे के नीचे है वहां के नगर आयुक्त्, विधायक, सांसद और जनप्रतिनिधि को पत्र लिखकर जनजागरण पैदा करने का काम भी विभाग के अधिकारी करें।

(आईएएनएस

Created On :   27 April 2022 2:30 PM GMT

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