पीएम मोदी ने खेला यूपी में ब्राह्मण कार्ड, पूर्व सीएम श्रीपति मिश्र के अपमान का किया जिक्र

PM Modi plays Brahmin card in UP, mentions insult to former CM Shripati Mishra
पीएम मोदी ने खेला यूपी में ब्राह्मण कार्ड, पूर्व सीएम श्रीपति मिश्र के अपमान का किया जिक्र
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 पीएम मोदी ने खेला यूपी में ब्राह्मण कार्ड, पूर्व सीएम श्रीपति मिश्र के अपमान का किया जिक्र
हाईलाइट
  • पीएम ने यूपी में खेला ब्राहृाण कार्ड
  • पूर्व सीएम श्रीपति मिश्रा को लेकर कांग्रेस को घेरा

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार जनता को बड़ी सौगात देने में जुटी हुई है। बता दें कि मंगलवार को देश के पीएम नरेंद्र मोदी यूपी के सुल्तानपुर में पहुंचकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्धाटन किया था। लेकिन यहां से पीएम मोदी चुनावी बिगुल भी फूंकते दिखे। पीएम मोदी ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि वह वोटों के डर से मेरे बगल में खड़े होने से भी डरते थे। मोदी ने अपने संबोधन में राजनीतिक गरमी तब बढ़ा दी जब सुल्तानपुर के रहने वाले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्रा का नाम लिया और उनके अपमान का जिक्र किया। मोदी ने सपा व कांग्रेस को परिवारवादी बताते हुए श्रीपति मिश्रा के अपमान का मुद्दा उठाया। इस मौके पर पूर्व सीएम श्रीपति मिश्रा का नाम लेकर मोदी ने यूपी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण कार्ड खेला है। 

मोदी ने क्यों उठाया श्रीपति मिश्रा का मुद्दा?

आपको बता दें कि यूपी में माना जा रहा है कि बीजेपी से ब्राह्मण खफा है। जिसकी वजह से अब बीजेपी ब्राह्मणों को मनाने में जुट गई है। हाल ही में यूपी सरकार में कैबिनेट का विस्तार किया गया है, जिसमें कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए बड़े ब्रहृाण चेहरा जितिन प्रसाद को जगह दी गई है। विपक्षी पार्टी बसपा ने ब्राह्मण वोट साधने के लिए पहले ही ब्रहृाण सम्मेलन कर बीजेपी की गणित खराब करने में जुट गई। बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने योगी सरकार में ब्राहृणों के ऊपर हो रहे अपराध को लेकर की बार घेरा है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में सबसे ज्यादा ब्राह्मणों का एनकाउंटर हुए हैं, मेरी सरकार आई तो उनको उनका हक मिलेगा। अब यूपी में बीजेपी भी ब्राह्मण कार्ड चलना शुरू कर दी है। जिसका संकेत पीएम मोदी यूपी के सुल्तानपुर से दे चुके हैं। बता दें कि सुल्तानपुर यूपी के अवध क्षेत्र में आता है और इसके इलाके में यूपी के पूर्व सीएम श्रीपति मिश्रा का वर्चस्व रहता था। इसके अलावा सुल्तानपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, जौनपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, बस्ती, गोंडा समेत अवध के बड़े इलाके में ब्राह्मणों की अच्छी खासी आबादी है।

जानें श्रीपति मिश्रा के बारे में

बता दें कि श्रीपति मिश्रा का जन्म सुल्तानपुर के ही शेषपुर गांव में 20 जनवरी 1924 को हुआ था। कानून की पढ़ाई करने वाले मिश्र की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बनें लेकिन बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राजनीति में आने से पहले श्रीपति मिश्र प्रधानी का चुनाव लड़े थे। इसके बाद वकील के तौर पर प्रैक्टिस करते रहे और प्रधानी भी जारी रही। इसी दौरान कांग्रेस के नेताओं से संपर्क होता है और 1962 का विधानसभा चुनाव वह लड़ जाते हैं और उसमें जीतकर विधायक बनते हैं। श्रीपति मिश्र लगातार दो बार विधायक बनें और फिर 1969 में कांग्रेस के ही टिकट पर सुल्तानपुर सीट से जीतकर सांसद बन गए थे। हालांकि उनका झुकाव इस दौरान चौधरी चरण सिंह की ओर हुआ और वह 18 फरवरी 1970 से एक अक्टूबर 1970 तक चौधरी चरण सिंह की सरकार में मंत्री बनें। 

सीएम पद से इस्तीफा देने की बनी थी वजह!

आपको बता दें कि श्रीपति मिश्र के राजनीतिक जीवन की सबसे महत्वपूर्ण साल 1982 का आता है, जब वीपी सिंह के इस्तीफे के बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें यूपी का सीएम बना दिया था। माना जाता है कि संजय गांधी से श्रीपति मिश्र के अच्छे रिश्ते थे, जिसके चलते वह सीएम बनाए गए थे। हालांकि इस दौरान हालांकि इस दौरान कई मुद्दों पर उनकी अरुण नेहरू और राजीव गांधी से बिगड़ गई और उन्हें पद छोड़ना पड़ गया था। मोदी परिवारवाद के इसी मुद्दे को यूपी के सुल्तानपुर से उछाला जहां पर वह मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्धाटन करने पहुंचे थे। बता दें कि श्रीपति मिश्र उन आखिरी ब्राह्मण नेताओं में से थे, जो यूपी के सीएम बनें थे। 

Created On :   16 Nov 2021 12:08 PM GMT

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