बेंगलुरु की सड़कों में गड्ढे: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने नागरिक निकाय को फटकारा, एनएचएआई से गुणवत्ता जांच के लिए कहा
- सड़कों की गुणवत्ता पर एक रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य की राजधानी, जिसे भारत की सिलिकॉन वैली भी कहा जाता है, में गड्ढों के खतरे के संबंध में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) पर कड़ा प्रहार करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य की राजधानी में गड्ढों की भरमार है। गड्ढों को भरना नगर निकाय का संवैधानिक दायित्व है।
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वरले की अध्यक्षता वाली पीठ ने बेंगलुरू में गड्ढों की समस्या के संबंध में दायर याचिका पर इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि शहर में गड्ढों से भरी सड़कों की मरम्मत के लिए जारी किए गए आदेश कागजों पर ही रह गए हैं। उन्होंने कहा, बेंगलुरू में सड़कें पिछले छह वर्षों से दयनीय स्थिति में हैं। लगातार शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढे मौत के जाल बन गए हैं और कई लोगों की जान चली गई है।
अदालत ने रेखांकित किया कि केवल बीबीएमपी द्वारा गड्ढों को भरने का प्रमाण पत्र देना उचित नहीं है। बीबीएमपी गड्ढों को भरने का प्रभारी है, लेकिन वह इस संबंध में अपने स्वयं के काम के लिए गुणवत्ता प्रमाणन नहीं दे सकता है, यह कहते हुए कि आने वाले दिनों में गुणवत्ता प्रमाणन की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दी जाएगी।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि गड्ढों को भरने की निगरानी के लिए मुख्य अभियंता या वरिष्ठ अभियंता को तैनात किया जाना चाहिए। बीबीएमपी को एक सप्ताह के भीतर यथास्थिति की रिपोर्ट एनएचएआई को देनी होगी और एनएचएआई द्वारा प्रतिनियुक्त एक अधिकारी को निरीक्षण करना होगा। पीठ ने कहा कि बीबीएमपी को इस संबंध में एनएचएआई को पूरा सहयोग देना चाहिए और एनएचएआई को सड़कों की गुणवत्ता पर एक रिपोर्ट अदालत को सौंपनी चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा कि एनएचएआई अपनी रिपोर्ट में बीबीएमपी अधिकारियों और ठेकेदारों की कमियों को भी दर्ज कर सकता है। यह अपनी रिपोर्ट में गड्ढों के खतरे के संबंध में सिफारिशें भी दे सकता है। बीबीएमपी आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने पहले कहा था कि बेंगलुरू 10 नवंबर तक गड्ढा मुक्त शहर बनने जा रहा है क्योंकि गड्ढों को भरने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। शहर में रोजाना एक हजार गड्ढे भरे जा रहे हैं और छह नवंबर तक 95 फीसदी काम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को समय सीमा तक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
आईएएनएस
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Created On :   2 Nov 2022 8:31 PM IST