कांग्रेस में फिर उठे बगावती सुर, तेलंगाना के पार्टी नेताओं में सामने आया अंदरूनी कलह, अब प्रियंका लगाएंगी पार्टी की नैया पार? 

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कांग्रेस में घमासान कांग्रेस में फिर उठे बगावती सुर, तेलंगाना के पार्टी नेताओं में सामने आया अंदरूनी कलह, अब प्रियंका लगाएंगी पार्टी की नैया पार? 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी अंदरूनी कलह से उबर नहीं पा रही है। जिसकी वजह से हमेशा राजनीतिक विरोधियों को बैठे-बठाए मुद्दा दे देती है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में सारे विवाद को खत्म करके सरकार बनाई है लेकिन ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी अर्न्तकलह की वजह से भारी नुकसान उठा सकती है। हिमाचल में सरकार बनने के बाद से कैबिनेट विस्तार को लेकर हाईकमान को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है लेकिन अभी बात तक नहीं बनी। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ों यात्रा निकाल रही है लेकिन पार्टी में जुड़ने के बावजूद टूट की पूरी संभावना लग रही है। हिमाचल, राजस्थान में अंदरूनी कहल के बाद अब दक्षिण राज्य तेलगांना कांग्रेस में टूट की स्थिति बनी हुई है।

करीब डेढ़ महीने पहले ही इस राज्य से राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा निकल चुकी है। इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस के पार्टी नेताओं में गुटबाजी चल रही है। खबर है कि पार्टी नेताओं के बीच जो गहमा-गहमी चल रही है उसको ठीक करने का जिम्मा कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के कंधे पर है। प्रियंका गांधी की सूझ-बूझ से राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में पार्टी के लिए पहले ही संकटमोचक का रोल निभा चुकी हैं। इसलिए पूरा विश्वास है कि वो तेलगांना कांग्रेस में चल रही उठापटक को भी शांत कर ले जाएंगी। खबर है कि प्रियंका गाधी वाड्रा बागी हुए नेताओं व पदाधिकारियों से बात करने वाली हैं।

पार्टी की संकटमोचक बनेंगी प्रिंयका?

दक्षिण राज्य तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के अंदर से खबर आई है कि पार्टी के 12 पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ये तमाम नेता पांच वर्ष पहले तेलुगु देशम पार्टी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामे थे।वहीं पार्टी के नेताओं में मूल कांग्रेसी व प्रवासी कांग्रेसी को लेकर बहस जारी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एन उत्तम कुमार रेड्डी और भट्टी विक्रमार्क ने सवाल उठाए है कि जो बाहर से नेता आए हुए है उन्हें ज्यादा तरजीह दी जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि पहले से मौजूद नेताओं को कोई पूछ नहीं रहा है, जो सरासर गलत है। वहीं इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने प्रियंका गांधी को प्रदेश कांग्रेस में स्थिति को बेहतर करने के लिए चुना है। बताया जा रहा है कि तेलंगाना के पार्टी नेताओं से क्रिसमस के बाद प्रियंका गांधी ने दिल्ली में मुलाकात करने के लिए बुलाया है।

जहां बैठक में नेताओं की बात सुनकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश होगी। वहीं प्रियकां ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव नदीम जावेद से इस पूरे मामले की जानकारी मांगी हैं। रिपोर्ट्स की माने तो प्रियंका गांधी ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क में हैं। जावेद ने प्रियंका को पार्टी नेताओं में चल रही गुटबाजी को गंभीर बताया है और पूरे मसले को जल्द से जल्द सुलझाने की बात कही है। तेलंगाना कांग्रेस के पुराने नेता मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के कामकाज को लेकर खुश नहीं हैं और कई बार सवाल भी उठा चुके हैं।

पहले भी निभा चुकी हैं अहम रोल
 
हाल ही में हिमाचल प्रदेश के चुनाव संपन्न हुए हैं। जिसमें कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है। चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस सबसे बड़ा दल बनकर उभरा लेकिन सरकार का नेतृत्व कौन करेंगा उसकी पेंच आकर फंस गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सरकार बनाने में और हिमाचल प्रदेश में विधायकों के बीच गुटबाजी को खत्म करने में प्रियंका गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी। जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और सचिन पायलट ने भी प्रियंका गांधी के साथ रणनीति बनाने में अपनी सहभागिता दी थी। जिसके बाद हिमाचल में नई सरकार का गठन हुआ और सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया। सुक्खू के अलावा पार्टी में बैलेंस बनाने के लिए दिवंगत वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाने वाले मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया गया।

हालांकि अभी भी हिमाचल में कैबिनेट विस्तार न होने की वजह से संकट के बादल छाए हुए हैं। राजस्थान में सत्ता को लेकर संघर्ष कई महीनों से सीएम अशोक गहलोत व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच देखा जा रहा है। यहां पर भी कांग्रेस आलाकमान को कई बार असहज होना पड़ा है। राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ नेता को राजस्थान विवाद को संभालने के लिए आगे आना ही पड़ता है राहुल गांधी ने भारत जोड़ों यात्रा के दौरान करीब दो घंटे से अधिक समय तक अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ बैठक की। ताकि दोनों नेताओं में समन्वय बना रहे। जिससे आने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को बिना किसी रूकावट के लड़ा जा सके। बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा इन दिनों कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान से होकर गुजर रही है। 

Created On :   20 Dec 2022 3:41 PM GMT

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