शिवसेना ने लिखा केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं के महिला विरोधी प्रश्न पत्र मामले में सवाल उठाते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे अपने पत्र में कहा कि मीडिया और महिला सशक्तिकरण के विज्ञापन में 80 फीसदी धन खर्च करने का क्या मतलब है, जब इस तरह के अंश पितृसत्ता के रूढ़िवादी विचारों को बढ़ावा देते हैं और किए गए सभी प्रयासों को नष्ट कर देते हैं।
उन्होंने केंद्र और भाजपा पर अरोप लगाते हुए कहा महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार काम करने वाले लोगों के प्रयासों और बलिदानों को सरकार और सीबीएसई विफल कर दिया है। यह आश्चर्यजनक है कि यह मार्ग कैसे विषय विशेषज्ञों की जांच से गुजरने में सक्षम था, जिसे उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा जांचा जाता है कि प्रश्न पत्र बोर्ड के मानकों का पालन करते हैं या नहीं।
स्पष्ट रूप से, प्रतिगामी, महिला विरोधी मानसिकता भाजपा और आरएसएस के शासन में पनपती है, यही वह विचारधारा है जिससे भारतीय महिलाओं को हर दिन लड़ना पड़ता है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र में कहा, इस अपमानजनक मार्ग के लिए सीबीएसई और अन्य जिम्मेदार संस्थाओं को जनता के लिए एक उचित स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए कि यह जांच प्रक्रिया को पारित करने में सक्षम कैसे था। इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि तथाकथित विषय विशेषज्ञों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएं ऐसी पितृसत्तात्मक मानसिकता के साथ जुड़ती हैं, तो हमारी सारी प्रगति पीछे छूट जाती है और यह उन महिलाओं का मनोबल गिरता है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से समाज की भलाई के लिए सदियों से काम किया है और काम करना जारी रखा है। इसलिए मेरा आग्रह है कि सबसे पहले देश की उन सभी महिलाओं से बिना शर्त माफी मांगी जानी चाहिए।
(आईएएनएस)
Created On :   13 Dec 2021 7:30 PM IST