गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान जाति संबंधी मुद्दों को रोकें :
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्य सचिव वी इराई अंबु ने सभी जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पूरे राज्य में गणतंत्र दिवस समारोह शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हो और जाति संबंधी कोई भेदभाव न हो।
यह आदेश तब दिया गया है जब अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित राज्य में स्थानीय निकायों के कुछ निर्वाचित प्रतिनिधियों को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा था।
तमिलनाडु के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के स्थानीय निकाय प्रमुखों को जाति आधारित भेदभाव के चलते राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं दी गई थी। मुख्य सचिव ने 18 जनवरी के कम्युनिकेशन (पत्र-व्यवहार) में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान किसी भी प्रकार का जातिगत भेदभाव न हो और समारोह सुचारू रूप से संपन्न हो।
उन्होंने कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिए कि गणतंत्र दिवस पर होने वाली ग्राम सभा की बैठकें भी सुचारू रूप से संपन्न हों और सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बिना किसी भेदभाव के सम्मान किया जाए।
तमिलनाडु अस्पृश्यता और जाति-आधारित भेदभाव के मुद्दे से जूझ रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में, दो गिलास सिस्टम अभी भी मौजूद है जिसमें दलितों को अलग-अलग गिलास में पानी और चाय दी जाती है। एससी और एसटी समुदाय के लोगों के साथ मंदिरों में प्रवेश करने पर भी भेदभाव होता है। हाल के दिनों में तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में कई जाति-संबंधी हत्याएं भी हुई हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   20 Jan 2023 7:00 PM IST