सुप्रीम अदालत ने राज्य ईसी को बिना ओबीसी आरक्षण के दो हफ्ते में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा, बीजेपी कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर

सुप्रीम अदालत ने  राज्य ईसी  को बिना ओबीसी आरक्षण के दो हफ्ते में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा, बीजेपी कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर
मध्य प्रदेश सुप्रीम अदालत ने राज्य ईसी को बिना ओबीसी आरक्षण के दो हफ्ते में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा, बीजेपी कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर
हाईलाइट
  • मध्यप्रदेश में गरमाई राजनीति

डिजिटल डेस्क,भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के तत्काल निकाय चुनाव कराने को मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग को आदेशित किया है। सुको ने राज्य चुनाव आयोग से  लंबित निकाय चुनावों को लेकर 2 हफ्ते में अधिसूचना जारी करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि ओबीसी को तय शर्तो को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं दिया जा सकता।  साथ ही  कोर्ट ने यह भी कहा है कि सीटों के नए सिरे से परिसीमन को आधार बना कर स्थानीय चुनावों को और नहीं टाला जा सकता। अदालत के फैसले के बाद मध्यप्रदेश में राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर हो गई है। 

कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है, शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले, इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थी

कांग्रेस नेता  कमलेश्वर पटेल ने बीजेपी और शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि  ओबीसी को पंचायत चुनाव में आरक्षण देने को लेकर जो निर्णय आया है ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी का सही डाटा उपलब्ध नहीं करवाया, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया, इसी वजह से इस तरह का निर्णय आया है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा अभी माननीय सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया है जिसका अध्ययन नहीं किया है। ओबीसी आरक्षण के साथ मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव हो इसके लिए रिव्यू पिटिशन दायर करेंगे और पुनः आग्रह करेंगे कि स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों

 

Created On :   10 May 2022 9:15 AM GMT

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