चीन की क्रूर नीतियों से तिब्बत ने स्विस सांसदों को कराया गया अवगत

Tibet made Swiss MPs aware of Chinas cruel policies
चीन की क्रूर नीतियों से तिब्बत ने स्विस सांसदों को कराया गया अवगत
स्विस-तिब्बती मैत्री संघ चीन की क्रूर नीतियों से तिब्बत ने स्विस सांसदों को कराया गया अवगत
हाईलाइट
  • तिब्बत का मुद्दा नैतिकता का मामला है
  • राजनीति का नहीं।

डिजिटल डेस्क, धर्मशाला । केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) पेन्पा त्सेरिंगने ने स्विस नेशनल काउंसिल के सदस्यों को तिब्बत के अंदर चीन द्वारा अपनाई जा रही क्रूर नीतियों और तिब्बती धर्म, संस्कृति, भाषा और पहचान पर इसके विनाशकारी प्रभावों से अवगत कराया है।

तिब्बत के मुद्दे को उठाने के लिए स्विस सांसदों से आग्रह करते हुए त्सेरिंग ने कहा कि तिब्बत ऐतिहासिक रूप से कभी भी चीन का हिस्सा नहीं रहा है। तिब्बत के पर्यावरण और मानवाधिकारों का मुद्दा नैतिकता का मामला है, राजनीति का नहीं।

उन्होंने तिब्बती आंदोलन और तिब्बती लोगों के न्यायोचित कारणों को बढ़ाने के लिए भविष्य की योजनाओं और गतिविधियों पर चर्चा की। स्विस नेशनल काउंसिल के सदस्य निकोलस वाल्डर ने सीटीए अध्यक्ष को तिब्बत के लिए स्विस संसदीय सहायता समूह और इसके 20 सदस्यों की वर्तमान संख्या के बारे में सूचित किया।

उन्होंने त्सेरिंग से मुलाकात पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उन्हें आशा है कि तिब्बत के लिए संसदीय सहायता समूह भविष्य में और सदस्यों के साथ बड़ा होगा। त्सेरिंग और स्विस सांसदों के बीच बैठक का आयोजन स्विस-तिब्बती मैत्री संघ द्वारा किया गया था। स्विस-तिब्बती मैत्री संघ की स्थापना 1983 में स्विस जनता को तिब्बत के भीतर गंभीर राजनीतिक और मानवाधिकार की स्थिति के बारे में सूचित करने और चीनी सरकार के प्रचार का मुकाबला करने के लिए की गई थी।

 

(आईएएनएस)

Created On :   5 Nov 2021 11:00 AM GMT

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