प्रत्याशियों के चयन में राजद के ए टू जेड का भरोसा जीतने की कोशिश
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में राज्यसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने विधान परिषद की सात सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। राजद ने विधान परिषद के चुनाव के जरिए जहां अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने की कोशिश की है, वहीं राजद के नेता तेजस्वी यादव के ए टू जेड का भी भरोसा जीतने की कोशिश की है।
बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए राजद ने मोहम्मद कारी सोहैब, मुन्नी रजक और अशोक कुमार पांडेय को उम्मीदवार बनाया है। राजद ने विधान परिषद के प्रत्याशी चयन में सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश की है। राजद ने मुस्लिम, दलित और सवर्ण को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सूची में शामिल मुजफ्फरपुर के कारी सोहैब युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
राजद की सूची में सबसे चैकाने वाले नाम मुन्नी देवी रजक का है। मुन्नी देवी अत्यंत गरीब और रजक परिवार से आती हैं। बख्तियारपुर की रहने वाली मुन्नी पहले खुसरूपुर स्टेशन के बाहर कपड़ों में आयरन करने का काम करती थी। राजद में आने के बाद वह पार्टी के कार्यक्रमों में जाने लगी और मंचों पर गाना गाने लगी। इस बार राजद ने उन्हें विधान परिषद भेजने का निर्णय लिया है।
राजद ने अशोक कुमार पांडेय को भी विधान परिषद भेजने का निर्णय लिया है। अशोक लंबे समय से राजद से जुड़े हुए हैं और ब्राह्मण परिवार से आते हैं। रोहतास जिले के मिल्की गांव के रहने वाले अशोक पांडेय के पिता रामबचन पांडेय की पहचान लालू प्रसाद के गहरे मित्रों में होती है। उल्लेखनीय है कि राज्य सभा चुनाव के लिए राजद ने मीसा भारती और फैयाज अहमद को प्रत्याशी बनाया है। प्रत्याशी की घोषणा के बाद राजद पर आरोप लगाया गया था पार्टी एम-वाई समीकरण से बाहर नहीं निकल सकती। इधर, पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव कहते हैं कि पार्टी सभी जाति और वर्गों को लेकर चलने पर विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि राजद सभी कार्यकर्ताओं का सम्मान करती है।
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Created On :   31 May 2022 7:00 PM IST