यूपी सरकार दलितों को उद्यमी बनने में मदद करेगी

UP government will help dalits to become entrepreneurs
यूपी सरकार दलितों को उद्यमी बनने में मदद करेगी
उत्तर प्रदेश यूपी सरकार दलितों को उद्यमी बनने में मदद करेगी
हाईलाइट
  • सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चलाने में मदद

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्यमी बनने के लिए विभिन्न लाभों की मांग करने वाले दलितों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। सरकार कॉर्पोरेट हाउसिस की मदद से उनके द्वारा निर्मित उत्पादों के लिए एक बाजार उपलब्ध कराएगी।

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम के अध्यक्ष लालजी निर्मल के अनुसार, सरकार ने हर जिले में परियोजना कार्यान्वयन इकाइयां (पीआईयू) स्थापित की हैं, जो इन दलित समूहों को अपना व्यावसाय सफलतापूर्वक शुरू करने में मदद करेंगी। सरकार की प्राथमिकता दलितों को सशक्त बनाना और उन्हें उद्यमी बनाने में मदद करना है। निर्मल ने कहा, समूह में दो या अधिक सदस्य हो सकते हैं और प्रत्येक सदस्य को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि दलित समूहों को सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चलाने में मदद करने के लिए सरकार ने हर जिले में परियोजना कार्यान्वयन इकाइयों का भी गठन किया है। इन इकाइयों में एक परियोजना अधिकारी, परियोजना तकनीकी सहायक, परियोजना कंप्यूटर सहायक और राज्य स्तर पर एक राज्य समन्वयक और अन्य स्टाफ सदस्य होंगे।

निर्मल ने कहा, सरकार दलित उद्यमियों के इन समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के लिए कॉरपोरेट हाउसिस के साथ बातचीत कर रही है। इसके अलावा, सरकार गांवों में दलित समूहों को अपनी यूनिट स्थापित करने और बैंकों से ऋण प्राप्त करने में मदद करने के लिए जमीन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा, दलितों के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा चिन्हित हर गांव में 20 लाख रुपए की राशि से विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके अलावा सरकार के विभिन्न विभाग इन गांवों में विकास कार्य भी करवाएंगे।

सरकार 6,171 दलित बहुल गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करेगी, जहां सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन गांवों में स्वच्छ पेयजल, सोलर लाइट, प्राथमिक विद्यालय और अन्य नागरिक सुविधाओं के साथ उचित स्वच्छता सुनिश्चित की जाएगी। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित सभी योजनाओं को प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) और पीएम आदर्श ग्राम योजना के नाम से जाना जाएगा।

सरकार ने अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों के लिए 56,000 रुपये वार्षिक आय सीमा के अनिवार्य प्रावधान को समाप्त कर दिया है जो अनुसूचित जाति वित्त निगम द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं। हालांकि, उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये या उससे कम है। इससे पहले, केवल 56,000 रुपये या उससे कम की वार्षिक आय वाले ही निगम से वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते थे।

 

आईएएनएस

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Created On :   26 Sept 2022 12:00 PM IST

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