दो बार फेल और दो बार पास हो चुका है ऑपरेशन लोटस, क्या महाराष्ट्र में होगा फेल या बीजेपी लगा सकेगी सेंध?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सियासी गलियारो में हलचल बढ़ते ही, बीजेपी का ऑपरेशन लोटस फिर चर्चा में आ गया है। ऑपरेशन लोटस के तहत भारतीय जनता पार्टी राज्यो में अपने राजनीतिक समीकरणों को साधने की कोशिश करती है। माना जाता है कि इस ऑपरेशन के जरिए पार्टी दूसरी पार्टी के विधायकों को प्रलोभन देते हुए अपनी और करने की कोशिश करती है। कवायद ये होती है कि पार्टी लोटस ऑपरेशन के तहत दूसरी पार्टी के विधायकों को इस्तीफा देने के लिए प्रभावित करती है जिसके फलस्वरूप विधानसभा की संख्या का समीकरण बदल जाता है और बीजेपी के पास सरकार बनाने का मौका आ जाता है।
ऑपरेशन लोटस पहली बार सन् 2004 में चर्चा में आया था जब बीजेपी ने कर्नाटक में धरम सिंह की सरकार गिराने की कोशिश की थी। उस समय विपक्ष ने बीजेपी की अनैतिक तरीकों से विधायको की संख्या बढ़ाने की कवायद को ऑपरेशन लोटस नाम दिया था। ऑपरेशन लोटस बीजेपी का कोई अभियान नहीं हैं बल्कि विपक्ष और मीडिया के द्वारा दिया गया एक नाम है।
कर्नाटक
साल 2018 में कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 104 सीटें जीतीं पर पार्टी विधायकों का समर्थन नहीं जुटा पाई और सरकार बनाने में सफल नहीं रही, जिससे पार्टी की उम्मीदों को बढ़ा झटका लगा था। उस समय जेडीएस और कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों को तोड़ने के कई आरोप लगाए थे। इस घटनाक्रम के 1 साल बाद कर्नाटक में राजनीतिक समीकरण बदले और जेडीएस और कांग्रेस के कई विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया। जिससे कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गई और गिर गई। मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी ने कर्नाटक में सरकार बना ली। विपक्ष ने बीजेपी पर कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप लगाया था।
मध्यप्रदेश
2018 में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी कराई थी। उस समय कांग्रेस के हाई कमान ने कमलनाथ को सीएम बनाया जिसके चलते कांग्रेस को सिंधिया गुट के विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ा था। बीजेपी ने दो साल बाद इसी नाराजगी का फायदा उठाया और मध्यप्रदेश में ऑपरेशन लोटस चलाया जिसके फलस्वरूप कांग्रेस सरकार गिर गई। सिंधिया गुट के 22 विधायकों ने ऑपरेशन लोटस के तहत इस्तीफा दिया जिससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई और बीजेपी को सरकार बनाने का मौका मिल गया।
मणिपुर
मणिपुर में 2017 में हुए विधानसभा चुनावो में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। पार्टी ने चुनावो में 28 सीटे जीतीं थीं वहीं बीजेपी ने 21 सीटें जीतीं थीं। कांग्रेस मणिपुर को भी नहीं बचा पाई वहीं बीजेपी ने अपने ऑपरेशन लोटस के तहत नगा पीपुल्स फ्रंट पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी।
गोवा
2017 में गोवा में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन वे सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाई। बीजेपी ने अपना ऑपरेशन लोटस चलाया जिसके चलते कांग्रेस अपने विधायकों को संभाल नहीं पाई और उन 10 विधायकों ने एक साथ गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
राजस्थान
राजस्थान में सरकार बनने के बाद से ही पायलट और गहलोत की अंतकर्लह सार्वजनिक मंच पर कई बार खुलकर सामने आई है। मध्यप्रदेश की तर्ज पर बीजेपी ने राजस्थान में सचिन पायलट की नाराजगी का फायदा उठाने की कई कोशिशें की पर पार्टी सफल नहीं हो पाई। एक राजनीतिक घटनाक्रम में सचिन पायलट पार्टी से नाराजगी के चलते अपने 30 विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए थे। बीजेपी मौके का फायदा उठाना चाहती थी। मध्यप्रदेश की घटना से सीख लेते हुए कांग्रेस के आलाकमान ने बिना देरी के सचिन पायलट को मनाया और उनकी नाराजगी दूर की जिसके चलते बीजेपी राजस्थान में सरकार नहीं बना पाई और उनका ऑपरेशन लोटस फेल हो गया।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। शिवसेना का समर्थन न होने के कारण बीजेपी अपनी सरकार नहीं बचा पाई थी। बीजेपी पिछले 2 सालों से सरकार गिराने की कई कवायदें कर चुकी है पर अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाई है। अब आगे देखना रोचक होगा कि बीजेपी ऑपरेशन लोटस के तहत महाराष्ट्र में अपनी सरकार बना पाती है या नही।
Created On :   21 Jun 2022 2:44 PM IST