कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले लिंगायत समुदाय पर ही क्यों है सभी दल की नजर? राज्य के किस क्षेत्र में है इस समुदाय का दबदबा?

Why are all parties eyeing the Lingayat community ahead of the Karnataka assembly elections? In which region of the state is the dominance of this community
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले लिंगायत समुदाय पर ही क्यों है सभी दल की नजर? राज्य के किस क्षेत्र में है इस समुदाय का दबदबा?
कर्नाटक चुनाव 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले लिंगायत समुदाय पर ही क्यों है सभी दल की नजर? राज्य के किस क्षेत्र में है इस समुदाय का दबदबा?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक का पूरा विधानसभा चुनाव जातिगत समीकरण के इर्द-गिर्द होता है। इस राज्य की राजनीति मुख्य रूप से लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय पर टिकी हुई है। ये दोनों समुदाय जिस पार्टी का साथ देते हैं, वही पार्टी कर्नाटक में राज करती है। हालांकि, यहां पर लिंगायत समुदाय सबसे बड़ा समुदाय है। जिसकी कुल आबादी लगभग 17 फीसदी है। इस समुदाय से कई बड़े नेता भी आते हैं, जो राज्य की राजनीति में चर्चाओं में बने रहते हैं। जिनमें जगदीश शेट्टार और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा जैसे कई बड़े नेता भी लिंगायत समाज से आते हैं। आईए जानते हैं क्या है लिंगायत समुदाय।

क्या है लिंगायत समुदाय?

हिन्दू धर्म मुख्य रूप से 6 संप्रदायों में बटा हुआ माना जाता है। वैदिक, शैव, वैष्णव, शाक्त, और निंरकारी। लिंगायत समुदाय को शैव संप्रदाय की उपशाखा वीरशैव का ही एक हिस्सा माना जाता है। शैव संप्रदाय से जुड़े और भी कई संप्रदाय हैं।

लिंगायत समुदाय वीरशैव संप्रदाय का एक हिस्सा है। शैव संप्रदाय में दो तरह के लोग आते हैं, एक वो जो साकार रूप से पूजा करते हैं और एक वे जो निराकार रूप अर्थात इष्टलिंग की पूजा करते हैं। वहीं लिंगायत समाज के लोग अपने शरीर पर इष्टलिंग या शिवलिंग धारण करते हैं। पहले लिंगायत समुदाय इसको निराकार शिव का लिंग मानते थे। लेकिन समय के बदलाव के साथ-साथ इनकी सोच में बदलाव आया है अब ये लोग इसे इष्टलिंग कहते हैं और इस समुदाय के सभी संन्यासी भगवा वस्त्र पहनते हैं।

किस क्षेत्र में लिंगायत समुदाय अधिक है

लिंगायत समाज हमेशा से प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाता रहा है और लगभग हर प्रमुख राजनीतिक दल में इस समुदाय के लोग पाए जाते हैं। इसका मुख्य कारण यह भी है कि लिंगायत समुदाय के लोग पूरे प्रदेश में मौजूद हैं, खासकर राज्य के उत्तर और मध्य भागों में इस समुदाय के लोगों की बहुतायत देखने को मिलती है। 

  
 


 

Created On :   26 April 2023 1:13 PM GMT

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