तीन माह में 75 हजार शिल्पियों को बनाएंगे स्वावलंबी - मुख्यमंत्री

Will make 75 thousand craftsmen self-supporting in three months - Chief Minister
तीन माह में 75 हजार शिल्पियों को बनाएंगे स्वावलंबी - मुख्यमंत्री
यूपी बनेगा आत्मनिर्भर तीन माह में 75 हजार शिल्पियों को बनाएंगे स्वावलंबी - मुख्यमंत्री
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डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगले तीन माह में प्रदेश के 75 हजार कारीगरों और शिल्पियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया है। इन तीन माह में 75 हजार शिल्पियों को प्रशिक्षित कर इन्हें विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़ते हुए स्वावलम्बन से जोड़ा जाएगा। आजादी के अमृत महोत्सव पर शिल्पियों और करीगरों के लिए यह सबसे बड़ा तोहफा होगा।

मुख्यमंत्री ने यह बातें विश्वकर्मा दिवस के मौके पर शुक्रवार को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 21,000 लाभार्थियों को टूलकिट और 11 हजार लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजनांतर्गत ऋण वितरण करते हुए कहीं। लोकभवन में आयोजित मुख्य समारोह के साथ-साथ जिला मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम आयोजित हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 26 दिसम्बर 2018 में हमने प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का शुभारंभ किया, तब से परंपरागत हस्तशिल्पियों, कारीगरों को सम्मान देने, उनको स्वावलंबी बनाने और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का यह सिलसिला चलता आ रहा है। हस्तशिल्पियों ने योजनाओं का लाभ लेकर एक जनपद एक उत्पाद और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने रोजगार उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। अगले तीन माह में 75 हजार करीगरों और हस्तशिल्पियों को टूल किट और ऋण उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने विभाग के मंत्रियों से कहा कि वो गांव-गांव में करीगरों, हस्तशिल्पियों के यहां पहुंचकर उनको प्रोत्साहित करने का भी काम करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में हर व्यक्ति चिंता में था कि यूपी का क्या होगा। लेकिन हमारे पारंपरिक करीगरों, हस्तशिल्पियों ने मिलकर ऐसा तंत्र विकसित किया जिससे हर प्रवासी को शासन की योजनाओं से जुड़ने और प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का काम किया। आज बेरोजगारी की दर चार पांच फीसदी है। यह प्रसन्नता प्रदान करने वाला है। हमने दिसम्बर 2018 से 68412 से अधिक शिल्पियों को 100 करोड़ के उन्नत टूल किट वितरित किये हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमें अपने परंपरागत उद्यम और कारीगरी को एक मंच देना ही होगा। उनका प्रशिक्षित कराएं। आज प्रदेश के 21,000 से अधिक कारीगरों व हस्तशिल्पियों को टूलकिट वितरित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार अपने परंपरागत कारीगरों व उद्यमियों को स्वावलंबी बना रही है, जिससे वह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान दे सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के मोची, नाई, बढ़ई को मंच मिलना चाहिए। उन्हें सबल बनाना है। उन्हें उच्च प्रशिक्षण देकर तकनीकी से जोड़ना है और सर्टिफिकेट देकर साथ ही ट्रेनिंग के दौरान 250 रुपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता देते हुए मजबूत बनाना है। उन्होंने बताया कि आज तक 1 लाख हस्तशिल्पियों को इस योजना से जोड़ा गया है, प्रशिक्षित करके टूलकिट उपलब्ध करवाए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उन्होंने कहा कि हमें कारीगरों को सम्मान देना होगा वो ही हमारी धरोहर हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि आज दो महत्वपूर्ण दिन है एक तो विश्वकर्मा जी की जयंती और दूसरा दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन। प्रधानमंत्री जी के इस वर्ष 6 अक्टूबर को सेवा के 20 वर्ष के रूप में पूरे हो रहे हैं। मैं प्रदेश की जनता की तरफ से देश में जो उनकी ओर से की गई सेवाएं हैं उनके लिए हृदय से अभिनन्दन करता हूं। मोदी जी के प्रयास से जो खुशहाली आपके जीवन में प्रारंभ हुई है, देश-समाज को नई दिशा मिली है। उसको विकास के उत्सव में रूप में प्रदेश में 7 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। हुनरमंदों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सम्मान देने वाले कार्यक्रम से इसकी शुरूआत की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव के लिए 51 हजार दीप जुटाने के लिए हमें पूरे प्रदेश की खाक छाननी पड़ी थी। इस वर्ष हम साढ़े सात लाख दिए जलाने जा रहे हैं। हमने तकनीक से करीगरों को जोड़ा तभी यह संभव हो पाया है। हमारे कारीगर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति बनाना छोड़ दिया था। चीन जैसा नास्तिक देश मूर्तियां बनाने लगा। पिछली सरकारों ने चिंता नहीं की। आज हमारे कारीगर मूर्तियां बना रहे हैं। चीन से अच्छी, सुंदर, सस्ती और टिकाऊ। उन्हीं कारीगरों के चेहरों पर आज खुशहाली आ गयी है।

एमएसएमई विभाग के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक मॉडल ने प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का काम किया है। बहुत कम लोगों को इसकी समझ है। पंडित दीनदयाल जी कह गये कि आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचना चाहिये। ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के होते हुए भी प्रदेश में 68412 लोगों ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से प्रशिक्षण लिया है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री की अभिनव सोच को आगे बढ़ाने का और 17 दिसम्बर को एक बड़ा आयोजन कर 75 हजार लोगों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से प्रशिक्षण दिलाकर टूलकिट वितरित किये जाने का आश्वासन दिया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   17 Sept 2021 4:30 PM IST

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