योगी की हिंदू युवा वाहिनी का कम हो रहा अस्तित्व, कई कार्यकर्ता सपा में हुए शामिल

Yogis Hindu Yuva Vahini diminishing existence, many workers joined SP
योगी की हिंदू युवा वाहिनी का कम हो रहा अस्तित्व, कई कार्यकर्ता सपा में हुए शामिल
उत्तर प्रदेश योगी की हिंदू युवा वाहिनी का कम हो रहा अस्तित्व, कई कार्यकर्ता सपा में हुए शामिल
हाईलाइट
  • हिंदू युवा वाहिनी में सामने आया मनमुटाव

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश में मुखिया के तौर पर योगी आदित्यनाथ को पूरे पांच साल  होने जा रहे है। मुख्यमंत्री का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही कुछ महीनो बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है। जिनकी घोषणा कुछ दिनों बाद ही चुनाव आयोग कर देगा।

बीजेपी ने चुनावी तैयारियों को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है। और योगी के चेहरे पर फिर से भरोसा जताकर यूपी की सियासी गद्दी पर दोबारा बैठना चाहती है। लेकिन इसी बीच योगी के लिए एक बुरी खबर आ रही है कि उनकी हिंदू युवा वाहिनी अपना अस्तित्व खोती जा रही है। और अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। कभी हिंदुत्व के लिए जाने वाली हिंदू वाहिनी अचानक अपना वर्चस्व खोती जा रही है। जबकि इसके मुख्य संरक्षकों में खुद सीएम योगी गिने जाते है। इसी बीच योगी के लिए जो बुरी खबर मानी जा रही है, वह यह है कि हिंदू युवा वाहिनी के अधिकतर कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। ऐसे में हिंदू युवा वाहिनी नैया डूबती हुई नजर आ रही हैं। इस संगठन का दबदबा ज्यादातर गोरखपुर में ही हैं।

2017 में विधानसभा चुनाव में टिकट लेने के चलते हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष सुनील सिंह और योगी आदित्यनाथ में मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद सुनील सिंह, सौरभ विश्वकर्मा, चंदन विश्वकर्मा को संगठन से बाहर निकाल दिया था। अब इन तीनों ने सपा का दामन थाम लिया हैं। संगठन के अन्य पदाधिकारियों के मुताबिक सीएम बनने के बाद योगी ने संगठन कार्यकर्ताओं की अनदेखी की ।जिसके चलते संगठन कमजोर होता चला गया।जिसके चलते 2018 में पूर्वी उत्तरप्रदेश बलरामपुर,मऊ आजमगढ़ की कई इकाइंया भंग हो गई।

जबकि इन क्षेत्रों में संगठन की पैठ मजबूत मानी जाती थी। कयास ये भी लगाए जाते रहे है कि योगी के सीएम बनने के बाद आरएसएस के कहने पर इसे भंग कर दिया।  इसके पीछे ये भी बताया जाता है कि संघ के लिए आगे चलकर शिवसेना की तर्ज पर हिंदू युवा वाहिनी उसके लिए चुनौती के रूप में खतरा बन सकता है। सुनील सिंह का मानना है कि हिंदुत्व के लिए बीजेपी के आगे एक और नया संगठन खड़ा होने का डर था। इसी के चलते लगातार हिंदू युवा वाहिनी की अनदेखी की जा रही थी लेकिन अब कई कार्यकर्ता खुद संगठन छोड़ रहे है।

आपको बता दें योगी आदित्यनाथ ने दो दशक पहले साल 2002 में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था। साल 2007 में एक विरोध के चलते योगी आदित्यनाथ को जेल भी जाना पड़ा।   


 

Created On :   1 Jan 2022 4:51 PM IST

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