माई की शरण में नेताजी: पीतांबरा पीठ में नेताओं की लग रही कतार, फरवरी तक बुकिंग हुई फुल, एमपी,राजस्थान सहित अन्य राज्यों से भी आते हैं भक्त

पीतांबरा पीठ में नेताओं की लग रही कतार, फरवरी तक बुकिंग हुई फुल, एमपी,राजस्थान सहित अन्य राज्यों से भी आते हैं भक्त
  • एमपी में 17 नवंबर को होनी है वोटिंग
  • पीतांबरा पीठ में नेताओं की लग रही है कतार
  • राजनीतिक कामना लेकर मंदिर पंहुच रहे नेताजी

डिजिटल डेस्क,दतिया। मध्यप्रदेश में चुनावी बुगल फुंक चुका है सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा रही है। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को वोटिंग होनी है। वहीं सभी पार्टियों के नेता साम, दाम, दंड, भेद के सिद्धांत पर राजनीतिक करियर सुरक्षित रखने के लिए पूजा-पाठ में भी सहारा ले रहें हैं। यही कारण है कि देश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शुमार दतिया के पीतांबरा पीठ मंदिर में अभी से फरवरी माह तक अनुष्ठानों की बुकिंग फुल है।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश के करीब 12 मंत्रियों सहित कई अन्य नेताओं ने भी नवरात्रि में अनुष्ठान की बुकिंग करा ली है। कई नेताओं ने बाकायदा ट्रस्ट में आवेदन देकर बुकिंग कराई है तो अधिकांश ने अपने ही परिचित पंडितों को अनुष्ठान करने की जिम्मेदारी सौंपी है। पीतांबरा पीठ मंदिर के पंडितों को जिन अनुष्ठानों का काम मिला है, उनमें अधिकांश शत्रु शमन, दावेदारी में सफलता और सत्ता प्राप्ति के हैं।

पीठ के साधक मनोज तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रस्ट में आवेदन देने पर अनुष्ठान का उद्देश्य बताना पड़ता है। राजनीतिक अनुष्ठान को ट्रस्ट अनुमति नहीं देता। हालांकि ट्रस्ट के सदस्यों के लिए ये बात लागू नहीं होती। उन्होंने आगे कहा कि ज्यादातर नेता अपने पंडितों को फोन करके अनुष्ठान के बारे में बता देते हैं। पंडित अपनी टीम के साथ अनुष्ठान पूरा कर एक बार ही यजमान को बुलाते हैं।

शत्रु शमन,टिकट की दावेदारी और चुनाव में जीत की कामना

दतिया के इस प्रसिद्ध मंदिर में पूरे साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। पीतांबरा मंदिर से जुड़े साधकों का कहना है कि यहां प्रदेश सरकार के 12 से 15 मंत्री, विधायक और उत्तर प्रदेश के करीब 10 मंत्री सहित राजस्थान के मंत्रियों का नियमित रूप से आना होता है। कई केंद्रीय मंत्रियों का भी लगातार आना-जाना लगा रहता है। कुछ नेताओं के अनुष्ठान तो थोड़े-थोड़े अंतराल से वर्षभर चलते रहते हैं। इन सभी के अपने पंडित हैं। अनुष्ठान के समापन पर आकर खुद ही पूर्णाहुति करते हैं। कुछ नेता नवरात्रि में एक-दो दिन यहां रुककर खुद भी जाप करते हैं।

शत्रु शमन के लिए अनुष्ठान

प्रसिद्ध मंदिर में भक्त अपनी-अपनी कामना लेकर आते हैं। लेकिन मां पीतांबरा का अनुष्ठान शत्रु शमन के लिए खास माना जाता है। साधक मोहन पाठक इस बारे में बताते हैं कि अनुष्ठान का स्वरूप यजमान के संकल्प पर निर्भर करता है। पंडित तो केवल संकल्प को पूरा करने के लिए माई के मंत्र का सवा लाख जाप करते हैं।

हाथ में सुपारी, मोबाइल पर संकल्प

बता दें नियमित रूप से मंदिर आने वाले नेता अनुष्ठान के लिए मोबाइल पर ही संकल्प करते हैं। यजमान जहां भी होते हैं, वहां से अपने पंडित को फोन लगाकर हाथ में पूजा की सुपारी और दक्षिणा रख लेते हैं और पंडित मंदिर से संकल्प करा देते हैं।

नवरात्रि में बढ़ जाती है अनुष्ठानों की संख्या

पीतांबरा पीठ दतिया के प्रशासनिक अधिकारी, बीपी पाराशर ने बताया कि नवरात्रि में अनुष्ठानों की संख्या बढ़ जाती है। वैसे अभी फरवरी तक अनुष्ठानों की बुकिंग है। यदि किसी को अनुष्ठान कराना है तो इसके बाद की ही तारीख मिल पाएगी।

Created On :   16 Oct 2023 3:14 PM GMT

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