पीएम ने मन की बात में जय विज्ञान, जय अनुसंधान नारे पर चर्चा की

पीएम ने मन की बात में जय विज्ञान, जय अनुसंधान नारे पर चर्चा की
New Delhi: Prime Minister Narendra Modi addresses a gathering inside the Lok Sabha chamber, at the new Parliament building in New Delhi, on Sunday, May 28, 2023. (Photo: IANS/Twitter)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 101वें मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जय विज्ञान और जय अनुसंधान के नारे के बारे में बात की, जिसके माध्यम से महाराष्ट्र स्थित एक संगठन द्वारा सुधार लाया गया था, जिसे पूर्व सेवादार द्वारा चलाया जा रहा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1965 के युद्ध के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था और बाद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा था।

मोदी ने कहा, कुछ साल पहले देश के वैज्ञानिकों से बात करते हुए मैंने जय अनुसंधान की बात की थी। आज का संदर्भ महाराष्ट्र के शिवाजी शामराव डोले और उनकी संस्था के बारे में है, जो इन चारों का प्रतिबिंब है, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान। डोले नासिक जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। वह एक गरीब आदिवासी किसान परिवार से आते हैं और एक पूर्व सैनिक भी हैं। सेना में रहते हुए उन्होंने अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। मोदी ने कहा, सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने कुछ नया सीखने का फैसला किया और कृषि में डिप्लोमा किया, यानी जय जवान, जय किसान की ओर बढ़े। डोले ने 20 लोगों की एक छोटी सी टीम बनाई और उसमें कुछ पूर्व सैनिकों को जोड़ा। इसके बाद उनका टीम ने वेंकटेश्वर को-ऑपरेटिव पावर एंड एग्रो प्रोसेसिंग लिमिटेड नामक एक सहकारी संगठन का प्रबंधन संभाला। यह सहकारी संगठन निष्क्रिय पड़ा हुआ था, जिसे उन्होंने पुनर्जीवित करने की चुनौती ली।

पीएम ने आगे कहा कि वेंकटेश्वर को-ऑपरेटिव का विस्तार कुछ ही समय में कई जिलों में हो गया था और वे महाराष्ट्र और कर्नाटक में काम कर रहे थे। उन्होंने खुलासा किया कि इससे करीब 18 हजार लोग जुड़े हैं, जिनमें बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक हैं। उन्होंने कहा, इस टीम के सदस्य नासिक के मालेगांव में 500 एकड़ से अधिक भूमि में एग्रो फार्मिग कर रहे हैं। यह टीम जल संरक्षण के लिए कई तालाब बनाने में भी लगी हुई है। खास बात यह है कि उन्होंने जैविक खेती और डेयरी भी शुरू कर दी है। अब वहां उगाए गए अंगूरों को यूरोप में भी निर्यात किया जा रहा है। इस टीम की जिन दो खूबियों ने मेरा ध्यान आकर्षित किया, वे हैं- जय विज्ञान और जय अनुसंधान।

मोदी ने कहा, इसके सदस्य प्रौद्योगिकी और आधुनिक कृषि पद्धतियों का अधिकतम उपयोग कर रहे हैं। दूसरी विशेषता यह है कि वे निर्यात के लिए आवश्यक विभिन्न प्रमाणपत्रों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मैं सहयोग से समृद्धि की भावना के साथ काम करने वाली इस टीम की सराहना करता हूं। मोदी ने कहा, इस प्रयास ने न केवल बड़ी संख्या में लोगों को सशक्त बनाया है, बल्कि आजीविका के कई साधन भी पैदा किए हैं। मुझे उम्मीद है कि यह प्रयास मन की बात के हर श्रोता को प्रेरित करेगा।

(आईएएनएस)

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Created On :   28 May 2023 6:47 PM IST

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