जाति जनगणना: जाति जनगणना पर पीएम मोदी का पलटवार, कहा - मेरी लिए सबसे बड़ी जाति गरीब, युवा, महिलाएं और किसान

जाति जनगणना पर पीएम मोदी का पलटवार, कहा - मेरी लिए सबसे बड़ी जाति गरीब, युवा, महिलाएं और किसान
  • जाति जनगणना पर बोले मोदी
  • तमाम विपक्षी दलों पर किया पलटवार
  • कहा - उनके लिए सबसे बड़ी जाति गरीब, युवा, महिलाएं और किसान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जाति जनगणना की मांग कर रहे कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनके लिए सबसे बड़ी जाति गरीब, युवा, महिलाएं और किसान हैं और इन चार जातियों का उत्थान ही भारत को विकसित बनाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा के विभिन्न राज्यों के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत के दौरान उन्हें संबोधित किया।

पीएम मोदी ने कहा, "विकसित भारत का संकल्प- 4 अमृत स्तंभों पर टिका है। ये अमृत स्तंभ हैं - हमारी नारी शक्ति, हमारी युवा शक्ति, हमारे किसान और हमारे गरीब परिवार। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- गरीब। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- युवा। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- महिलाएं। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- किसान। इन चार जातियों का उत्थान ही भारत को विकसित बनाएगा। जब तक इन चारों जातियों को मैं सभी समस्याओं से, सभी मुश्किलों से उबार नहीं देता हूं तब तक मैं चैन से बैठने वाला नहीं हूं। बस आप मुझे आशीर्वाद दीजिए। जब ये चारों जाति सशक्त होगी तो निश्चित तौर पर देश की सभी जातियां सशक्त होगी।"

प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश के लोगों ने वह दौर भी देखा है, जब पहले की सरकारें खुद को जन​ता का माई बाप समझती थी। इस कारण आजादी के अनेक दशकों बाद तक देश की बहुत बड़ी आबादी मूल सुविधाओं से वंचित रही। लोग सरकार से पूरी तरह हताश और निराश हो गए थे। उस समय सरकारें भी सिर्फ चुनाव और वोट बैंक पर ही ध्यान रखती थी। निराशा की स्थिति को उनकी सरकार ने बदला है। आज देश में जो सरकार है, वह जनता-जनार्दन को ईश्वर का रूप मानने वाली सरकार है। वह सत्ता भाव से नहीं, सेवा भाव से काम करने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि वे जो ये संकल्प यात्रा लेकर निकले हैं, इसके पीछे उनका मकसद यही है कि जिनको सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है, उनके अनुभव जानना और जिनको नहीं मिला उन्हें 5 साल में उन योजनाओं का लाभ देना है। इसलिए देश के हर गांव में 'मोदी के विकास की गारंटी' की गाड़ी पहुंचने वाली है।

'विकसित भारत संकल्प यात्रा' का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "विकसित भारत संकल्प यात्रा के 15 दिन पूरे हो रहे हैं। हमने इस गाड़ी का नाम रखा था 'विकास रथ', लेकिन इन 15 दिनों में लोगों ने इसका नाम बदल कर 'मोदी की गारंटी वाली गाड़ी' रख दिया है। उन्हें ये जानकर अच्छा लगा कि आपको मोदी पर इतना विश्वास है और वह विश्वास दिलाते हैं कि लोगों को दी हुई सभी गारंटियों को वह पूरा करेंगे।"

उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोग 'विकसित भारत रथों' का स्वागत कर रहे हैं, रथ के साथ चल रहे हैं। जिस तरह युवा और समाज के हर वर्ग के लोग विकसित भारत यात्रा से जुड़ रहे हैं। अब तक 12 हजार से ज्यादा पंचायतों तक मोदी की गारंटी वाली यह गाड़ी पहुंच चुकी है और 30 लाख के लगभग लोग इसका फायदा उठा चुके हैं। सभी लोग अपने गांव की कहानी सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं।

उन्होंने लोगों से इन कहानियों को नमो एप पर जरूर अपलोड करने का भी आग्रह किया क्योंकि वह नमो एप पर इन गतिविधियों को प्रतिदिन देखते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी का मतलब काम पूरा होने की गारंटी की गारंटी है।

उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ जनता भारत को विकसित भारत बनाने का संकल्प ले चुकी है और विकसित भारत का संकल्प सिर्फ मोदी या किसी सरकार का नहीं है बल्कि यह सबको साथ लेकर सबके सपनों को साकार करने का संकल्प है।

प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब ड्रोन चलाने के लिए प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई तो इस योजना को लेकर बहुत से लोगों ने संदेह जताए थे। रमन अम्मा जैसी महिलाओं ने साबित कर दिया कि ड्रोन कृषि में तकनीक के दायरे से आगे बढ़कर महिला सशक्तिकरण का भी एक प्रतीक बनकर उभरेगा। यह केन्द्र महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करेगा ताकि वे इस तकनीक का उपयोग आजीविका सहायता के लिए कर सकें। अगले तीन वर्षों के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों को 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और उपयोग करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

गुरुवार को झारखंड के देवघर स्थित एम्स में 10,000वें जन औषधि केंद्र को भी समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अच्छी दवाई और सस्ती दवाई ये बहुत बड़ी सेवा है। जितने लोग उन्हें सुन रहे हैं, उनसे उनका आग्रह ​है कि जनऔषधि केंद्र के बारे में लोगों को बताइए। दवाइयों पर जो खर्च पहले 12-13 हजार का होता था, वह जनऔषधि केंद्र की वजह से सिर्फ 2-3 हजार हो रहा है यानी 10 हजार रुपये लोगों की जेब में बच रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।

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Created On :   30 Nov 2023 8:12 AM GMT

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